छतरपुर, देशबन्धु. जिले के बमीठा थाना के अंतर्गत सोमवार को दिन में करीब 11 बजे ग्राम झमटुली में अंधविश्वास ने गांव के एक हंसते खेलते परिवार की खुशियां छीन ली हैं. दरअसल 55 वर्षीय कामता आदिवासी को घेरकर उसकी लाठियों से पीट-पीटकर निर्मम हत्या कर दी गई है. हत्या की इस वारदात से पूरे गांव में सनसनी फैल गई. पुलिस ने कुछ ही देर में तीन आरोपियों को दबोच लिया है.
मृतक के पुत्र बिहारी ने बताया उसके पिता कामता आदिवासी दिन में राई बेचने के लिए गांव के मत्ती पटेल के यहां गए थे. रास्तें में उसे गांव के एक दर्जन से अधिक लोगों ने उन्हें पकड़कर पहले दौनों हाथ बांधे, उसके बाद बीच बाजार में घसीटते हुए लाठियों से इतनी बेरहमी से पीटा कि उनकी दर्दनाक मौत हो गई. उसके बाद सभी आरोपी उसे बीच रास्ते पर फेंककर फरार हो गए. घटना के बाद से परिवार में मृतक की पत्नी और तीन बच्चे गहरे सदमे में हैं.
पुलिस ने मौके पर जाकर जांच शुरु की, डाग स्क्वाड और फोरेंसिक टीम ने भी घटना स्थल का मुआयना किया है. पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए हत्या की वारदात में शामिल 3 आरोपियों को पकड लिया है, बाकी की तलाश की जा रही है. बहरहाल अभी तक जो पता चला है उसके अनुसार हत्या की वजह टोना-टोटके का संदेह बताई गई है. जबकि मगर मृतक के परिवार का कहना है कि कामता कोई जादू टोना नहीं करते थे. मृतक की पत्नी लक्ष्मी बाई ने बताया गांव के लोग हमारे परिवार को बुरी नजर से देखते थे. आज मौका मिलते ही उन्होंने मेरे पति की निर्ममता से पीट-पीटकर हत्या कर दी.
पुराने विवाद को लेकर हत्या की आशंका
ग्राम झमटुली के लोगों ने बताया कामता पहले झाड़फूंक और पूजा पाठ करता था. करीब 4 साल पहले उसे गया ले जाया गया था, तब से उसने ऐसे हर काम को छोड़ दिया था. गांव के सरपंच प्रतिनिधि राजू पटेल ने बताया. दरअसल यह मामला दो आदिवासी परिवारों के बीच पुराने विवाद का है. कुछ लोग अंधविश्वास में आकर कामता आदिवासी जादू टोने का जानकार मानने लगे थे. असल में यह सब भ्रम है, अब पुलिस ही जांच करेगी कि हत्या की असली वजह क्या थी.
इनका कहना है
प्रथम दृस्टया यह मामला दो आदिवासी परिवारों के बीच विवाद का है. टोना.टोटका जैसी कोई बात फरियादी के बयान में स्पष्ट नहीं हुई है. आरोपियों को पकडने के लिए दो टीमें बनाई है. अभी तीन आरोपी पकडे जा चुके हैं, बाकी सभी आरोपियों को भी शीध्र गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
मनमोहन सिंह बघेल
एसडीओपी, खजुराहो