नई दिल्ली. चीन में एक नया वायरस सामने आया है, जो कोरोना वायरस के समान है. विशेषज्ञों के अनुसार, यह वायरस जानवरों से इंसानों में फैलने की संभावना रखता है, जिससे वैश्विक स्वास्थ्य पर नया खतरा मंडरा सकता है. चीन के वैज्ञानिकों ने इस नए वायरस को लेकर चेतावनी जारी की है. इसके मानव में संक्रमण फैलने की संभावना पर गहन शोध चल रहा है.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता
विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस वायरस परिवार के अन्य सदस्यों की तरह मानवों पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है. इसके लक्षण और प्रवृत्ति को समझने के लिए अधिक शोध की आवश्यकता है. WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने इस मुद्दे पर सतर्कता बरतने की सलाह दी है.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के रिसर्चर्स ने इस नए वायरस की खोज की है. यह वायरस मानव स्वास्थ्य के लिए एक नए खतरे का संकेत है.
शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह वायरस उन्हीं रिसेप्टर के जरिए सेल यानी कोशिकाओं में एंट्री करता है, जैसे कोरोना वायरस करता है. यह वायरस मनुष्यों और अन्य स्तनधारियों के शरीर में पाए जाने वाले प्रोटीन से जुड़कर कोशिकाओं को संक्रमित करता है. इस नए वायरस को मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम यानी MERS नाम से भी जाना जाता है.
भौगोलिक प्रसार और सुरक्षा उपाय
चीन सरकार ने वायरस के प्रसार को रोकने के लिए उचित उपाय करने का आश्वासन दिया है. स्थानीय स्वास्थ्य विभागों को सतर्क कर दिया गया है और जानवरों के व्यापार पर कड़े प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, 2012 से मई 2024 तक लगभग 2600 लोगों में MERS वायरस की पुष्टि की गई है. इस वायरस ने जिन लोगों को संक्रमित किया, उन में से 36 फीसदी लोगों की मौत हो गई. विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट के मुताबिक, इसके अधिकतर मामले सऊदी अरब में पाए गए हैं. वुहान वायरस रिसर्च सेंटर चमगादड़ों में पाए जाने वाले कोरोना वायरस पर अपने काम के लिए जाना जाता है. कोरोना वायरस भी चीन के वुहान लैब से ही लीक हुआ था. इसके बाद इसने पूरी दुनिया में तबाही मचाई थी.