एक अनोखी और चौंकाने वाली नीति ने हड़कंप मचा दिया है, चीन में घटती आबादी से सरकार चिंतित है, कंपनियां कर्मचारियों पर बच्चा पैदा करने का दबाव डाल रही हैं. शादी की न्यूनतम उम्र घटाने का प्रस्ताव है. युवाओं के बच्चा पैदा नहीं करने के पीछे की सबसे बड़ी वजह आर्थिक प्रगति और बढ़ता लिविंग कॉस्ट हैं.
चंद सालों तक दुनिया में बढ़ती आबादी चिंता का विषय थी. भारत में अब भी बड़ी आबादी एक बड़ी समस्या है. लेकिन, अब दुनिया के तमाम देशों में घटती आबादी नई समस्या बन गई है.
चंद साल पहले तक दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश रहा चीन अब घटती आबादी से परेशान है. इस वक्त दुनिया में भारत सबसे अधिक आबादी वाला मुल्क है. बीते तीन-चार दशकों में चीन ने बेहिसाब आर्थिक प्रगति की है. इस प्रगति का सबसे बुरा असर वहां के युवाओं पर पड़ा है. युवा करियर और पैसों की चाहत में इस कदर पागल हो चुके हैं कि उनका परिवार नामक संस्था से भरोसा उठ गया है. यही हाल चीन के पड़ोसी मुल्कों जापान और दक्षिण कोरिया की है. दक्षिण कोरिया में फर्टिलिटी रेट दुनिया में सबसे निचले स्तर पर आ गई है.
चीन में घटती फर्टिलिटी रेट से वहां की सरकार बेहद चिंतित है. अगर यही ट्रेंड रहा तो आने वर्षों में चीन में कामकाजी लोगों की भारी कमी हो जाएगी. ऐसे में सरकार ने अपनी जनसंख्या नीति में बदलाव किया है. चीन की सरकार ने एक बच्चे की नीति को खत्म कर दिया है. पहले चीन में एक दंपत्ति एक बच्चा का नियम था.
अब चीन की एक कंपनी ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि वह अगले नौ महीने के दौरान बच्चे पैदा करें वरना उनको नौकरी से निकल दिया जाएगा. यह कंपनी है शंगडोंग शंटियन केमिकल ग्रुप. इसने एक आंतरिक आदेश में कहा है कि हमारे कर्मचारी मेहनती और भरोसेमंद हैं. वे देश की बेहतरी के लिए बच्चा पैदा करना चाहते हैं.
शंगडोंग शंटियन चीन के एकमात्र कंपनी नहीं है जो ऐसा आदेश दे रही है. कुछ सप्ताह एक लोकप्रिय सुपर मार्केट चेन ने भी कुछ ऐसा ही आदेश दिया था. उसने कहा कि युवा जोड़े शादी-सगाई में गिफ्ट की डिमांड न करें. इन कंपनियों के आदेशों की खूब आलोचना भी हुई.