मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में सर्दी-जुकाम दूर करने वाली कोल्ड्रिफ कफ सिरप (Coldrif Cough Syrup) पीने से 11 मासूम बच्चों की मौत हो गई। इस दुखद घटना के बाद मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में इस कफ सिरप और इसे बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स (Sresan Pharmaceuticals) के सभी उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सरकार ने दवा निर्माता कंपनी पर कड़ी कार्रवाई की है और पुलिस ने चेन्नई स्थित फैक्ट्री के खिलाफ मामला दर्ज किया है। वहीं, सेंट्रल ड्रग कंट्रोलर ऑर्गेनाइजेशन ने तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का निरीक्षण भी शुरू कर दिया है।
कौन है कंपनी के मालिक?
श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स की शुरुआत वर्ष 1990 में एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में हुई थी। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) के रिकॉर्ड के अनुसार, कंपनी के निदेशक रंगनाथन गोविंदन, रंगनाथन गोविंदराजन, रंगनाथन रानी और गोविंदन बाला सुब्रमण्यम बताए गए हैं। हालांकि, मंत्रालय के दस्तावेज बताते हैं कि कंपनी की वार्षिक आम बैठक (AGM) आखिरी बार 29 दिसंबर 2009 को हुई थी और उसकी बैलेंस शीट 31 मार्च 2009 को दाखिल की गई थी। लंबे समय तक अनुपालन दस्तावेज जमा न करने पर कंपनी को रजिस्ट्रार से हटा दिया गया था। यानी कागजों पर यह कंपनी बंद दिख रही है।
अलग-अलग पते, कई सवाल
प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रजिस्टर्ड पते, इंडियामार्ट पेज और उत्पाद पैकेजिंग पर लिखे पते भले ही अलग हों, लेकिन सभी चेन्नई के ही एक इलाके में दर्ज हैं। इंडियामार्ट पेज पर कंपनी खुद को कफ सिरप, प्रोटीन पाउडर, फार्मास्यूटिकल सिरप और हर्बल चाइल्ड ग्रोथ सिरप का ट्रेडर बताती है।
अन्य राज्यों में भी अलर्ट
मध्य प्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश में भी ड्रग्स विभाग ने अपने सभी औषधि निरीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि वे सरकारी और निजी संस्थानों से श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स द्वारा निर्मित सिरप के नमूने एकत्र करें। इस पूरे प्रकरण ने देशभर में दवाओं की गुणवत्ता और निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।