अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) पर वनडे टूर्नामेंट क्रिकेट को बंद करने और उनकी जगह टी-20 फॉर्मेट में टूर्नामेंट आयोजित करने का दबाव बढ़ रहा है. चैंपियंस ट्रॉफी 19 फरवरी से पाकिस्तान और UAE में खेली जाएगी. हर 4 साल में होने वाला ICC का यह टूर्नामेंट 8 साल बाद वापसी कर रहा है. 2029 में टूर्नामेंट भारत में ही खेला जाएगा.
हालांकि, उसके बाद 50 ओवर का यह टूर्नामेंट होगा या नहीं, यह साफ नहीं है. कई रिपोर्टों के अनुसार, ICC 2029 के बाद वनडे वर्ल्ड कप सहित वनडे टूर्नामेंट्स को बंद करने पर विचार कर रहा था.
दबाव के कारण:
टी-20 फॉर्मेट की बढ़ती लोकप्रियता: टी-20 क्रिकेट की लोकप्रियता में हाल के वर्षों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. यह फॉर्मेट कम समय में रोमांचक क्रिकेट प्रदान करता है, जिससे दर्शकों की रुचि बढ़ी है.
आर्थिक कारण: टी-20 फॉर्मेट में अधिक प्रायोजकों और विज्ञापनदाताओं को आकर्षित करने की क्षमता है, जिससे ICC के लिए अधिक राजस्व उत्पन्न होता है.
खिलाड़ियों का वर्कलोड: वनडे क्रिकेट लंबे समय का फॉर्मेट है, जिससे खिलाड़ियों पर शारीरिक और मानसिक दबाव पड़ता है. टी-20 फॉर्मेट खिलाड़ियों के लिए अधिक व्यवहार्य विकल्प हो सकता है.
हालांकि, अभी तक ICC ने इस संबंध में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है. यह संभावना है कि ICC इस मामले पर विचार कर रहा होगा और विभिन्न हितधारकों के साथ चर्चा कर रहा होगा.
वनडे क्रिकेट का भविष्य:
यदि ICC वनडे टूर्नामेंट्स को बंद करने का फैसला करता है, तो यह क्रिकेट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण बदलाव होगा. वनडे क्रिकेट ने दशकों से प्रशंसकों का मनोरंजन किया है और कई यादगार पल दिए हैं. हालांकि, टी-20 फॉर्मेट की बढ़ती लोकप्रियता और आर्थिक कारणों के चलते, वनडे क्रिकेट का भविष्य अनिश्चित लग रहा है. यह देखना दिलचस्प होगा कि ICC इस मामले पर क्या निर्णय लेता है और वनडे क्रिकेट का भविष्य क्या होता है.
टी-20 वर्ल्ड कप में अब 12 से बढ़कर 20 टीमें हो गईं, कई छोटी टीमें इस फॉर्मेट में अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं. साथ ही 2028 से ओलिंपिक में भी टी-20 क्रिकेट शामिल हो जाएगा. जिसमें 8 ही टीमें खेलेंगी. ऐसे में ICC टॉप-8 टीमों के लिए अलग से टी-20 चैंपियंस कप लेकर नहीं आया और इसके आने की उम्मीद भी कम ही है.
ब्रॉडकास्टर्स ने यह भी पता लगाया कि वनडे और टेस्ट की पूरी सीरीज के मुकाबले एक टी-20 मैच में ज्यादा व्यूअरशिप आ जाती है. इस कारण टी-20 क्रिकेट को विज्ञापन भी ज्यादा मिलते हैं. इसलिए ब्रॉडकास्टर्स ICC और बाकी क्रिकेट बोर्ड पर ज्यादा से ज्यादा टी-20 कराने का दबाव बना रहे हैं.