दमोह. हादसे के बाद घायल मासूम का यदि जल्द से जल्द उपचार मिल जाता तो शायद उसकी जान बच भी सकती थी. तेंदूखेड़ा थाना क्षेत्र के देवरी निजाम गांव निवासी हादसे में मौत का शिकार हुई मासूम के परिजनों ने ये आरो लगाते हुए कहा कि उनके अथक प्रयासों के बावजूद समय पर एंबुलेंस नहीं मिल पाई.
प्रत्यक्षदर्शियों एवं पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार जिले के तेंदूखेड़ा क्षेत्र के देवरी निजाम गांव में सोमवार को एक ट्रैक्टर की चपेट में आई डेढ़ साल की बच्ची की इलाज के दौरान मौत हो गई.
परिजनों का आरोप है कि समय पर 108 एंबुलेंस न मिलने के कारण बच्ची को नहीं बचाया जा सका. तेंदूखेड़ा थाना पुलिस के अनुसार क्षेत्र के देवरी निजाम गांव में सोमवार दोपहर खेलते समय एक ट्रैक्टर की चपेट में आने से डेढ़ वर्ष की बच्ची की मौत हो गई.
परिजनों ने बताया कि हादसे के बाद बच्ची को गंभीर हालत में तेंदूखेड़ा स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था, जहां से जबलपुर रेफर किया गया. पुलिस ने भी स्वीकारा कि 108 एंबुलेंस समय पर उपलब्ध नहीं हो सकी, जिससे बच्ची ने अस्पताल में दम तोड़ दिया.
संजीवनी अस्पताल पर लगा बच्चा बदलने का आरोप
परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप
मृत मासूम के पिता विपिन आदिवासी ने बताया कि घटना के समय उनकी बेटी परी घर के बाहर खेल रही थी कि तभी एक तेज रफ्तार ट्रैक्टर ने उसे कुचल दिया. हादसे के बाद परिवार बच्ची को लेकर तुरंत तेंदूखेड़ा स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा. डॉक्टरों ने बच्ची की स्थिति को देखते हुए जबलपुर रैफर किया, लेकिन 108 एंबुलेंस को बुलाने की कोशिशों के बावजूद संपर्क नहीं हो सका. इस दौरान परिजन निजी वाहन खोजने लगे, परंतु उपलब्धता नहीं हो पाई और बच्ची की जान चली गई.विज्ञापन
क्यों समय पर नहीं पहुंच पा रही 108 एंबुलेंस
तेंदूखेड़ा सीबीएमओ आरआर बागरी ने बताया कि उस वक्त 108 एंबुलेंस की आईडी नहीं मिल पा रही थी, जिससे रेफर करने में देरी हुई. जननी वाहन का इंतजाम भी किया गया लेकिन बच्ची को बचाया नहीं जा सका. तेंदूखेड़ा टीआई विजय अहिरवार ने कहा कि बच्ची का पोस्टमार्टम कराया गया है और घटना की जांच की जा रही है.