छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश: जिले में कोल्ड्रिफ (Coldrif) कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। मंगलवार को दो और मासूमों ने दम तोड़ दिया, छिंदवाड़ा जिले में, 2 बैतूल में और 1 पाढुर्ना में हुई हैं। वहीं राजस्थान से भी तीन बच्चों की मौत की खबर सामने आई है।
छिंदवाड़ा. पहला मामला तामिया ब्लॉक के भरियाढना गांव का है, जहां ढाई साल की धानी डेहरिया की नागपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर द्वारा दी गई कोल्ड्रिफ सिरप के बाद बच्ची की तबीयत बिगड़ी और उसकी किडनी फेल हो गई।दूसरा मामला जुन्नारदेव की दो वर्षीय जेयूशा यदुवंशी का है, जिसका प्राथमिक उपचार प्रवीण सोनी द्वारा किया गया था। जेयूशा का इलाज नागपुर के GMC अस्पताल में चल रहा था, जहां उसकी मौत हो गई।
परिजनों ने सिरप को बताया जिम्मेदार:
अधिकतर मामलों में बच्चों को कोल्ड्रिफ या नेक्स्ट्रो-DS सिरप दी गई थी। परिजनों का आरोप है कि इन दवाओं में मौजूद किसी जहरीले तत्व ने बच्चों की किडनी को नुकसान पहुंचाया, जिससे उनकी मौत हुई।
स्वास्थ्य विभाग जांच में जुटा:
छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज के पीडियाट्रिक विभाग के एचओडी डॉ. पवन नंदूरकर ने बताया कि अब तक की जांच में सभी बच्चों में किडनी फेल्योर पाया गया है। दवाओं के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं, लेकिन रिपोर्ट अभी नहीं आई है। रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि मौत की असली वजह सिरप में मौजूद कोई रसायन था या अन्य कारण।
जिले में भय का माहौल:
लगातार हो रही मौतों से जिले में दहशत का माहौल है। कई अभिभावक अब बाजार से खरीदी गई सिरप बच्चों को देने से बच रहे हैं। गांवों में चर्चा है कि मामूली सर्दी-खांसी जानलेवा साबित हो रही है। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन से मांग है कि रिपोर्ट जल्द सार्वजनिक की जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।
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बैतूल, मध्यप्रदेश: जिले में कफ सिरप से बच्चों की बिगड़ती हालत का सिलसिला थम नहीं रहा है। दो बच्चों की मौत के बाद अब टिकाबर्री गांव का एक और मासूम बच्चा गंभीर हालत में नागपुर मेडिकल कॉलेज में वेंटिलेटर सपोर्ट पर है। डॉक्टरों ने उसकी दोनों किडनियों के फेल होने की पुष्टि की है।
बैतूल. हर्ष यदुवंशी (2 वर्ष) को 1 अक्टूबर को परासिया के डॉक्टर अमित ठाकुर के क्लीनिक में दिखाया गया था। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं, विशेषकर कोल्डड्रिफ सिरप, के सेवन के कुछ घंटों बाद ही बच्चे की तबीयत बिगड़ गई। बैतूल में इलाज के लिए ले जाने पर किसी भी अस्पताल ने भर्ती नहीं किया, जिसके बाद नागपुर रेफर किया गया।
पहले दो बच्चों की मौत:
निहाल धुर्वे और गर्मित धुर्वे, दोनों 2 वर्षीय बच्चे, पहले ही कोल्डड्रिफ सिरप के सेवन के बाद दम तोड़ चुके हैं। दोनों का इलाज परासिया के डॉक्टर प्रवीण सोनी द्वारा किया गया था।
जांच में जुटा प्रशासन:
तीनों मामलों में एक जैसी दवाएं और लक्षण सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। निहाल और गर्मित के परिवारों ने डॉक्टर की पर्चियां और दवा की शीशियां जांच टीम को सौंप दी हैं। हर्ष का मामला भी जांच में शामिल कर लिया गया है। सभी सैंपल लैब भेजे गए हैं और रिपोर्ट का इंतजार है।
सख्त निगरानी और कार्रवाई की तैयारी:
जिला प्रशासन ने निजी क्लीनिकों, मेडिकल स्टोर्स और थोक विक्रेताओं की जांच शुरू कर दी है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि तीनों मामलों में दवाओं और लक्षणों की समानता पाई गई है। रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
परिवारों की गुहार:
हर्ष के परिजनों ने अब तक 2.5 लाख रुपये खर्च कर दिए हैं और बच्चे की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। वे सरकार से मदद और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।