नई दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस एक बार फिर चिंता का कारण बन रहा है. देश में कोविड-19 के दो नए वैरिएंट — NB.1.8.1 और LF.7 के मामले सामने आए हैं. भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के अनुसार, अप्रैल 2025 में तमिलनाडु में NB.1.8.1 का एक मामला सामने आया, जबकि मई में गुजरात में LF.7 वैरिएंट के चार मरीज मिले हैं.
अब तक की स्थिति
देश में 19 मई 2025 तक कोविड के कुल 257 सक्रिय मामले थे.
दिल्ली में 23, आंध्र प्रदेश में 4, तेलंगाना में 1 और बेंगलुरु में एक 9 महीने का बच्चा कोरोना पॉजिटिव पाया गया है.
INSACOG के अनुसार, भारत में फिलहाल सबसे आम वैरिएंट JN.1 है, जो 53% मामलों में पाया गया है. इसके बाद BA.2 (26%) और अन्य ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20%) हैं.
नए वैरिएंट कितने खतरनाक?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने NB.1.8.1 और LF.7 को अभी के लिए केवल “निगरानी में रखे जाने वाले वैरिएंट” की श्रेणी में रखा है. यानी इन्हें फिलहाल ‘चिंताजनक वैरिएंट’ नहीं माना गया है.
हालांकि, विशेषज्ञों के मुताबिक, NB.1.8.1 में A435S, V445H और T478I जैसे म्यूटेशन पाए गए हैं जो इसे ज्यादा संक्रामक और प्रतिरक्षा प्रणाली से बचने में सक्षम बना सकते हैं.
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विशेषज्ञों की नजर
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक की अध्यक्षता में हाल ही में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में ICMR, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और अन्य प्रमुख संस्थानों के विशेषज्ञों ने मौजूदा स्थिति की समीक्षा की. स्थानीय स्तर पर मामलों में धीमी लेकिन स्थिर वृद्धि देखी जा रही है, जिससे सतर्कता बरतने की आवश्यकता है.
क्या करें सावधानी के लिए?
भीड़-भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनें
हाथों की सफाई और सामाजिक दूरी का पालन करें
वैक्सीनेशन अपडेट रखें, खासकर बुजुर्ग और कमजोर इम्युनिटी वालों के लिए
सर्दी, खांसी, बुखार जैसे लक्षण होने पर जांच करवाएं और आइसोलेट रहें
भारत सरकार और स्वास्थ्य संस्थान पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं, लेकिन जनता की सतर्कता और सहयोग भी उतना ही जरूरी है ताकि यह संक्रमण एक बार फिर विकराल रूप न ले.