नई दिल्ली, देशबन्धु. दिल्ली विधानसभा चुनाव में इंडिया की टूट से आप को हार का सामना करना पड़ा. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने राजधानी दिल्ली में 27 साल बाद स्पष्ट बहुमत हासिल किया. दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में से भाजपा ने 48 और आम आदमी पार्टी ने 22 सीटें जीतीं. कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली है.
इस बार भाजपा की 71 प्रतिशत स्ट्राइक रेट के साथ 40 सीटें बढ़ीं. पार्टी ने 68 पर चुनाव लड़ा, 48 सीटें जीतीं. वहीं, आप को 40 सीटों का नुकसान हुआ. आप का स्ट्राइक रेट 31 प्रतिशत रहा. भाजपा ने पिछले चुनाव (2020) के मुकाबले वोट शेयर में 9 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा किया. वहीं, आप को करीब 10 प्रतिशत का नुकसान हुआ है.
कांग्रेस को भले ही एक भी सीट नहीं मिली, लेकिन वोट शेयर 2 प्रतिशत बढ़ाने में कामयाब रही. इस बीच अब लोगों को इंतजार है कि दिल्ली का मुख्यमंत्री भाजपा नेतृत्व किसे बनाएगा?
मोदी ने कहा यमुना को बनाएंगे दिल्ली की पहचान
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के परिणामों के अनुसार, कांग्रेस के 70 में से 68 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है. केजरीवाल की नई दिल्ली सीट पर 20 उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई. केजरीवाल को प्रवेश वर्मा ने 4089 वोटों से हराया, जबकि संदीप दीक्षित को 4568 वोट ही मिले. भाजपा के दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटे चुनाव जीत गए हैं. नई दिल्ली से प्रवेश वर्मा और मोतीनगर से हरीश खुराना. प्रवेश पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं.
खुराना पूर्व सीएम मदन लाल खुराना के बेटे हैं. भाजपा ने आप के बड़े सुरमाओं अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को भी हरा दिया है. भारतीय जनता पार्टी की यह जीत केवल इस मायने में ऐतिहासिक नहीं है कि उसने 27 साल बाद दिल्ली में जीत हासिल किया है.
बल्कि यह इस अर्थ में भी महत्वपूर्ण है कि अरविंद केजरीवाल की मुफ्त योजनाओं के कारण जिन्हें हराना लगभग नामुमकिन माना जा रहा था, भाजपा ने उन्हें भी चुनाव में हरा दिया है. यह दिल्ली की राजनीति में एक बड़े बदलाव का आगाज है. भाजपा के सामने दिल्ली में बड़ी लकीर खींचने की चुनौती रहेगी.