नई दिल्ली. संसद का मॉनसून सत्र गुरुवार को भारी हंगामे के साथ समाप्त हो गया. विपक्ष एसआईआर (SIR) मुद्दे पर चर्चा की मांग पर अड़ा रहा, जिसके चलते सदन की कार्यवाही बाधित हुई. हालाँकि, यह मामला अदालत में विचाराधीन होने के कारण इस पर संसद में चर्चा नहीं हो सकती थी. हंगामे को देखते हुए लोकसभा स्पीकर ने विपक्ष को कड़ी फटकार लगाई और सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया.
इस दौरान, गंभीर आपराधिक आरोपों में फंसे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को हटाने वाले विधेयक पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा, “राहुल गांधी, कांग्रेस और पूरे विपक्ष की राजनीति ट्यूशन और ट्वीट पर चलती है.” दुबे ने सवाल उठाया कि अगर कोई प्रधानमंत्री, सांसद या मंत्री जेल जाते हैं, तो क्या उन्हें इस्तीफा नहीं देना चाहिए?
उन्होंने अमित शाह, उमा भारती और लालकृष्ण आडवाणी जैसे नेताओं का उदाहरण दिया, जिन्होंने अदालत से बरी होने तक संवैधानिक पदों से इस्तीफा दिया या चुनाव नहीं लड़ा. दुबे ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नाम लेते हुए कहा, “आज अरविंद केजरीवाल जैसे लोग जेल से ही मुख्यमंत्री बने हुए हैं.” उन्होंने सरकार द्वारा लाए गए विधेयक का बचाव करते हुए कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है, क्योंकि यह समानता के अधिकार के तहत प्रधानमंत्री पर भी लागू होगा.
एमपी के 12 जिलों में आज भारी बारिश का अलर्ट
विपक्ष और सरकार के बीच इस विधेयक को लेकर गतिरोध बना रहा, जिससे सदन में लगातार हंगामा होता रहा. स्पीकर की फटकार के बाद भी स्थिति में सुधार न होने पर सत्र को समय से पहले ही समाप्त कर दिया गया.