नई दिल्ली. दक्षिणी दिल्ली पुलिस ने अवैध रूप से भारत में रह रहे 40 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार कर एक बड़ी सफलता हासिल की है. ये सभी घुसपैठिए फर्जी दस्तावेजों के सहारे दिल्ली में रह रहे थे. यह कार्रवाई गृह मंत्रालय के निर्देश पर चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत की गई है, जिसमें दिल्ली और अन्य राज्यों में रह रहे अवैध विदेशी नागरिकों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर निकाला जा रहा है.
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए सभी बांग्लादेशियों के पास से मिले दस्तावेज पूरी तरह फर्जी पाए गए हैं. इनमें आधार कार्ड, राशन कार्ड, पते के प्रमाण और पहचान पत्र शामिल हैं, जिनमें से अधिकांश दस्तावेज पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों से जारी दिखाए गए थे. इससे स्पष्ट होता है कि एक संगठित गिरोह इन घुसपैठियों को सीमा पार कराने से लेकर भारत में बसाने तक की पूरी व्यवस्था कर रहा है.
कैसे होती है घुसपैठ?
जांच में सामने आया है कि बांग्लादेशी नागरिक पश्चिम बंगाल की सीमा के रास्ते भारत में दाखिल होते हैं. यहां पहले से सक्रिय दलालों का नेटवर्क उन्हें फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराता है और फिर ट्रेनों के जरिए ये लोग दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों की ओर भेज दिए जाते हैं. दिल्ली पहुंचने पर इन्हें स्थानीय रिसीवरों के जरिए दिहाड़ी मजदूरी, कूड़ा बीनने, रेहड़ी-पटरी लगाने या होटल-ढाबों में काम पर लगा दिया जाता है.
मोबाइल फोन से मिले अहम सुराग
पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों के मोबाइल फोन भी जब्त कर लिए हैं, जिनकी गहन जांच की जा रही है. इनमें बांग्लादेश में रहने वाले रिश्तेदारों के संपर्क नंबर पाए गए हैं. पूछताछ के दौरान कई घुसपैठियों ने यह भी स्वीकार किया कि वे जरूरत पड़ने पर अपने देश से संबंधित दस्तावेज मंगवा सकते हैं. इससे साफ है कि यह एक संगठित और अंतरराष्ट्रीय स्तर का नेटवर्क है, जो अवैध तरीके से लोगों को भारत में घुसाने और बसाने का काम कर रहा है.
गिरोह तक पहुंचने की कोशिश
पुलिस अब उन दलालों और नेटवर्क की तलाश कर रही है, जो इन घुसपैठियों को भारत लाकर फर्जी दस्तावेज बनवाते हैं. जांच एजेंसियां यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या इस नेटवर्क के तार किसी बड़े आपराधिक या आतंकी संगठन से जुड़े हो सकते हैं. इस सिलसिले में पश्चिम बंगाल पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों से भी संपर्क साधा गया है.
कानूनी कार्रवाई जारी
फिलहाल सभी 40 बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लेकर उनकी पृष्ठभूमि की जांच की जा रही है. उन पर विदेशी नागरिक अधिनियम, पासपोर्ट अधिनियम और धोखाधड़ी से जुड़े विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं.
यह मामला न सिर्फ देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अवैध घुसपैठ और फर्जी दस्तावेजों का गिरोह कितनी गहराई से जड़ें जमा चुका है. पुलिस की यह कार्रवाई इसी नेटवर्क को जड़ से खत्म करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है.