सतना, देशबन्धु। उज्जैन के महाकाल की तर्ज पर अब बिरसिंहपुर के गैवीनाथ गर्भगृह के अंदर श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। गर्भ गृह के बाहर ही जलाधारी लगा दी गई है। जिसमें जल छोड़ते ही गैवीनाथ का अभिषेक हो जाएगा। यह निर्णय मझगवां एसडीएम एपी द्विवेदी के नेतृत्व में आयोजित बैठक में सर्व सहमति से लिया गया। रविवार को मंदिर परिसर में शाम को बैठक आयोजित हुई जिसमें मुख्य रूप से मझगवां एसडीएम एपी द्विवेदी सहित, एसडीओपी राजेश सिंह बंजारे, बिरसिंहपुर तहसीलदार शैलेन्द्र बिहारी शर्मा, नगर पंचायत सीएमओ बिरसिंहपुर, थाना प्रभारी सभापुर शंखधर द्विवेदी सहित समाज सेवी व कस्बे के वयोवृद्ध सहित काफी संख्या में अन्य लोग मौजूद रहे।
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ज्ञात हो कि शुक्रवार से शुरू हुए श्रावण मास का पहला सोमवार 14 जुलाई को है। सावन में मास में वैसे ही यहां पर दूर दराज से श्रद्धालुओं का आने का क्रम बना रहता है। जब बात सावन में सोमवार की हो तो यहां पर श्रद्धालुओं के तादात का आकलन लगा पना मुश्किल होता है। शायद यही वजह है कि
सावन के महीने में भीड़ और दिन-प्रतिदिन मंदिर में जुटने वाली भीड़ के मद्देनजर बैठक कर के यह व्यवस्था बनाई गई है।
सुबह 4 बजे से खुल जाएंगे गेट
रविवार को आयोजित बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि गैवीनाथ मंदिर के गेट आम श्रद्धालुओं के लिए सुबह चार बजे से खुल जाएंगे। जिसके चलते यहां आने वाले श्रद्धालु अल सुबह ही विधिवत भगवान गैवीनाथ का जलाभिषेक कर सकेंगे। ज्ञात हो कि अभी तक श्रद्धालुओं गर्भगृह के अंदर तक पहुंचते थे। गर्भगृह के अंदर कम जगह होने के चलते श्रद्धालुओं सहित मेला में व्यवस्था सम्हाल रहे कर्मचारियों को भी मुसीबत का सामना करना पड़ता था। बनाई गई नई व्यवस्था के चलते अब मेला के दिनों में न पहले जैसे इतनी लंबी लाइन लगेगी और दर्शन की अभिलाशा लेकर आने वाले श्रद्धालुओं को लाइन में तीन से चार घंटे खड़े होकर इंतजार करना पड़ेगा।
इनका कहना
सावन मेला चल रहा है। इस मेले में किसी तरह का लायन आर्डर ईशू न हो इसको देखते हुए पुलिस प्रशासन व समाज सेवियों के साथ बैठक ली गई। इस बैठक में सर्वसहमति से यह निर्णय लिया गया कि अभी तक लोग गर्भगृह के अंदर घुस कर जल चढ़ाते थे अब बाहर से ही पाइप के द्वारा जल चढ़ा सकेंगे।
एपी द्विवेदी, एसडीएम मझगवां