सनातन धर्म में आज, 16 अगस्त, को श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना और व्रत करने का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण का अवतरण हुआ था. जन्माष्टमी का व्रत रखने वाले और पूजा करने वाले भक्तों को नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है, जिससे उन्हें लड्डू गोपाल की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
जन्माष्टमी के दिन क्या करें
अभिषेक और पूजा: लड्डू गोपाल का विशेष चीजों से अभिषेक करें और देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें.
भोग: फल, मिठाई और माखन-मिश्री का भोग लगाएं.
मंत्र और कथा: व्रत कथा का पाठ करें और कृष्ण मंत्रों का जाप करें, जैसे ‘ॐ कृष्णाय नमः’ या ‘हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे’.
दान: मंदिर में या गरीब लोगों में अन्न और धन का दान करें.
साफ-सफाई: घर और मंदिर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें और तुलसी के पास दीपक जलाएं.
जन्माष्टमी के दिन क्या न करें
तामसिक भोजन: जन्माष्टमी के दिन तामसिक भोजन (प्याज, लहसुन, मांस) का सेवन न करें.
वाद-विवाद: किसी से वाद-विवाद न करें और मन में किसी के लिए गलत विचार न लाएं.
नियम पालन: ब्रह्मचर्य का पालन करें और व्रत के दौरान अन्न और नमक का सेवन न करें.
वस्त्र: इस दिन भूलकर भी काले रंग के कपड़े न पहनें, क्योंकि यह अशुभ माना जाता है.
जन्माष्टमी 2025 डेट और टाइम
अष्टमी तिथि का प्रारंभ: 15 अगस्त को रात 11 बजकर 49 मिनट पर.
अष्टमी तिथि का समापन: 16 अगस्त की रात 9 बजकर 34 मिनट तक.
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श्री कृष्ण जी के प्रमुख मंत्र
सफलता के लिए: ‘ॐ श्री कृष्णः शरणं ममः’
धन प्राप्ति के लिए: ‘कृं कृष्णाय नमः’
सुख-समृद्धि के लिए: ‘ॐ नमो भगवते श्री गोविन्दाय’
बाधा दूर करने के लिए: ‘हे कृष्ण द्वारकावासिन् क्वासि यादवनन्दन. आपद्भिः परिभूतां मां त्रायस्वाशु जनार्दन ..’