इस वर्ष का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगने जा रहा है. खास बात यह है कि इसी दिन सर्वपितृ अमावस्या भी पड़ रही है, जिस दिन पितृपक्ष का समापन होता है. सूर्य ग्रहण और अमावस्या का यह संयोग इस तिथि को बेहद विशेष बना रहा है.
सूर्य ग्रहण का समय और सूतक काल
* यह ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण होगा
* भारत में यह दृश्यमान नहीं होगा, इसलिए यहां सूतक काल मान्य नहीं होगा
* विदेशों में जहां यह ग्रहण दिखाई देगा, वहां सूतक काल मान्य होगा
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा जो कन्या राशि में घटित होगा. भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा और न ही इसका सूतक काल मान्य होगा. फिर भी इसका ज्योतिषीय प्रभाव कन्या राशि वालों पर सर्वाधिक पड़ेगा.
राशियों पर प्रभाव:- यह सूर्य ग्रहण कन्या राशि में घटित होगा, इसलिए इसका सीधा असर इसी राशि के जातकों पर पड़ेगा.
कन्या राशि पर प्रभाव
* आर्थिक नुकसान: अचानक धन हानि और निवेश में घाटे की संभावना है. व्यापार की गति धीमी रहेगी. ग्रहण वाले दिन पैसों का लेन-देन और बड़े सौदों से बचने की सलाह दी गई है.
* मानसिक तनाव: निर्णय लेने में असमंजस, कार्यस्थल पर दबाव और निजी जीवन में टकराव की स्थिति बन सकती है. पारिवारिक माहौल अशांत रहेगा.
* सावधानी: ग्रहण के दौरान किसी सुनसान स्थान पर न जाएं और अनजान लोगों पर आंख बंद कर भरोसा न करें.
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सूर्य ग्रहण में क्या करें, क्या न करें
* भारत में यह ग्रहण दृश्यमान नहीं है, इसलिए सामान्य जीवनचर्या पर कोई रोक नहीं होगी.
* फिर भी गर्भवती महिलाओं को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है.
* इस दिन भगवान के नाम का जाप, स्नानादि के बाद सूर्य को अर्घ्य देना, गायत्री मंत्र का जप करना और दान-पुण्य करना शुभ माना गया है.
* ग्रहण के बाद गेहूं, तांबा, गुड़, मसूर दाल या सामर्थ्य के अनुसार धन का दान विशेष फलदायी रहेगा.