दिल्ली. 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर निर्णायक कदम उठाया है. केंद्र सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत एक बड़ा कूटनीतिक अभियान शुरू किया है, जिसके अंतर्गत ‘मिशन पाक बेनकाब’ की शुरुआत की गई है. इस अभियान का मकसद पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देने के सबूतों के साथ उसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेनकाब करना है.
इस अभियान के तहत भारत का पहला उच्चस्तरीय डेलिगेशन आज विदेश दौरे पर रवाना हो रहा है. यह डेलिगेशन उन 7 टीमों में से एक है, जिन्हें दुनिया के 32 देशों में भेजा जाएगा. इन प्रतिनिधिमंडलों के माध्यम से भारत आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान की भूमिका को वैश्विक समुदाय के सामने लाएगा और अपनी स्थिति को मजबूती से रखेगा.
इस डेलिगेशन में सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है, जिससे यह एक सर्वदलीय और राष्ट्रीय एकजुटता का प्रतीक बन गया है. कुल 51 नेताओं और 85 वरिष्ठ राजनयिकों को इस मुहिम में शामिल किया गया है. खास बात यह है कि सिर्फ सत्तारूढ़ बीजेपी ही नहीं, बल्कि कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी, जेडीयू, शिवसेना, सीपीआई और IUML जैसे विपक्षी दलों के नेता भी इस अभियान का हिस्सा हैं.
भारत सरकार ने इस अभियान को आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक वैश्विक पहल बताया है. विदेश मंत्रालय की निगरानी में संचालित यह अभियान भारत की विदेश नीति में एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा, कूटनीति और वैश्विक समर्थन का त्रिवेणी संगम देखने को मिलेगा.
इस अभियान से जुड़े प्रमुख उद्देश्य:
पाकिस्तान की आतंकी साजिशों को ठोस सबूतों के साथ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उजागर करना
आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देना
भारत की सुरक्षा नीति और शांति की प्रतिबद्धता को विश्व समुदाय के सामने रखना
अलग-अलग देशों से भारत को समर्थन हासिल करना
भारत का यह कूटनीतिक प्रयास वैश्विक राजनीति में आतंकवाद के खिलाफ एक नए मोर्चे की शुरुआत मानी जा रही है