श्रीनगर. पहलगाम में हुए भयानक आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने महत्वपूर्ण खुलासे किए हैं. जांच में सामने आया है कि इस हमले में कुछ स्थानीय लोगों, जिन्हें ओवरग्राउंड वर्कर (OGW) कहा जाता है, की भूमिका संदिग्ध है.
सूत्रों के मुताबिक, पांच मुख्य संदिग्धों पर फोकस किया गया है, जिनमें से तीन को पकड़ लिया गया है और उनकी गिरफ्तारी की तैयारी चल रही है. हमले के वक्त सभी पांच संदिग्ध इलाके में मौजूद थे और उनके फोन की लोकेशन भी सामने आई है. हिरासत में लिए गए तीनों आरोपियों के बीच की एक चैट भी बरामद हुई है, जिसमें हमले में उनकी भूमिका का जिक्र है.
एनआईए, जम्मू-कश्मीर पुलिस, इंटेलिजेंस ब्यूरो और रॉ की संयुक्त टीम 10 अन्य OGW से पूछताछ कर रही है. 200 से ज्यादा ओवरग्राउंड वर्कर्स को हिरासत में लेकर पूछताछ हो चुकी है. इनमें 20-25 ऐसे OGW हैं जो पाकिस्तान के आतंकियों के संपर्क में रहने और उन्हें शरण देने के लिए पहले से कुख्यात हैं.
15 संदिग्ध OGW दक्षिण कश्मीर के रहने वाले हैं और पहले भी कई आतंकी घटनाओं में पाकिस्तानी आतंकियों की मदद कर चुके हैं. जांच में यह भी सामने आया है कि 4-5 आतंकियों की टीम ने हमला किया था, जिसमें दो पाकिस्तानी और दो स्थानीय कश्मीरी शामिल थे. फिलहाल सुरक्षाबलों ने बैसरन घाटी के जंगलों में आतंकियों की तलाश तेज कर दी है. माना जा रहा है कि हमलावर अभी भी घने जंगलों में छिपे हो सकते हैं. पूरे इलाके में तलाशी अभियान लगातार जारी है.
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, हिरासत में लिए गए 15 OGW से मिली जानकारियों के आधार पर हमले की साजिश के सभी पहलुओं को जोड़ने की कोशिश की जा रही है, ताकि जल्द से जल्द आरोपियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई हो सके.