जबलपुर. प्रदेश के 60 प्रतिशत जिला उपभोक्ता आयोग में अध्यक्ष को नियुक्ति नहीं किया गया है. प्रदेश में विगत सात सालों से रिक्त पदों पर नियुक्ति नहीं हुई है. अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं होने के कारण लंबित प्रकरणों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है और उपभोक्ताओं के अधिकारों का हनन हो रहा है.
इस संबंध में नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ पीजी नाजपांडे की तरफ से हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत को पत्र लिखा गया है. पत्र में कहा गया है कि प्रदेश के 51 जिला उपभोक्ता आयोग में से 31 के अध्यक्ष पद रिक्त पडे हुए है. जिसके कारण आयोग के एक अध्यक्ष को तीन-तीन जिले के प्रभारी अध्यक्ष के रूप में कार्य करना पड रहा है. जिसके कारण लंबित प्रकरण की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. इसके अलावा उपभोक्ता के हित का भी हनन हो रहा है. जो अपने अधिकारों के लिए आयोग के समक्ष आवेदन करते है.
पत्र में कहा गया है कि जिला उपभोक्ता आयोग में अध्यक्ष की नियुक्ति की जाने की मांग करते हुए नागरिक उपभोक्ता मंच ने साल 2018 में याचिका दायर की थी. सरकार की तरफ से अंडरटेकिंग दी गयी थी कि अध्यक्ष पदों पर नियुक्ति शीघ्र कर दी जायेगी. अंडरटेकिंग के बावजूद भी अध्यक्ष पद पर नियुक्त नहीं किये जाने के कारण साल 2021 में अवमानना याचिका दायर की गयी थी.
जिसे दायर किये हुए तीन साल से अधिक का समय गुजर गया है. पत्र में राज्य उपभोक्ता कमीशन की वेबसाइट में 31 जनवरी तक प्रदेश में 31 जिला उपभोक्ता आयोग में अध्यक्ष पद रिक्त होने का उल्लेख किया गया है. पत्र में अध्यक्ष पद पर शीघ्र नियुक्ति करने का आग्रह किया गया है.