जबलपुर, देशबन्धु. रेलवे बोर्ड मुख्यालय दिल्ली द्वारा सुशासनहीनता और नियम विरुद्ध कार्य करने धिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध शिकंजा पूरी तैयारी कर ली है. एसडीजीएम रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष कुमार ने सभी जोनल महाप्रबंधकों और न अध्यक्षों को निर्देशित किया गया है. इसी प्रमुख कार्यपालक निदेशक सतर्कता दिलीप का दिल्ली से 21 मार्च को आगमन हो हो रहा है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक पश्चिम मध्य रेलवे सतर्कता अधिकारी जबलपुर नार्दन रेलवे दिल्ली तर मध्य रेलवे प्रयागराज व एक जोन के मुख्य अधिकारी की 21 मार्च को बैठक लेंगे.
बैठक को लेकर एसडीजीएम नीरज कुमार ने सतर्कता अधिकारी धनराज एवं अन्य सभी अधिकारी एवं मुख्य सतर्कता निरीक्षकों को किया है कि वह अपनी अपनी शाखा के भोपाल कोटा मंडल की सभी संबंधित पत्रक लें.
मंडल में सीबीआई का छापा भी मीटिंग का हिस्सा रहेगा कोटा मंडल में गत दिवस सोबीआई एवं बर्ड सतर्कता की संयुक्त टीम ने यात्रियों से पूरा मुलने और कम मात्रा में सामान परोसा जाने का का खुलासा किया है. यह कोई नई बात नहीं है कुछ आईआरसीटीसी द्वारा पेन्ट्रीकार में कई लगातार चल रहे हैं इसमें आज तक किसी भी की लगाम नहीं कसी गई है. जानकारी के एसडीजीएस मुख्य सतर्कता अधिकारी की ली सीबीआई के छापे से चर्चा में आ गई है.
मुख्य सतर्कता विभाग के कार्यालय में पदस्थ दर्जनों अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रतिमाह लाखों रुपयों का वेतन भुगतान के अलावा पात्रता रखने वाले अधिकारियों को चार पहिया वाहन प्युन टेलीफोन की मुफ्त सुविधा बंगला आदि कई प्रकार की सुख सुविधाओं के साथ चिकित्सा सुविधा भी मुफ्त में दी जाती है. यदि प्रमुख कार्यपालक निदेशक सतर्कता दिल्ली की टीम आंकलन करे तो जबलपुर की सतर्कता टोम ने ऐसा कोई भी कार्य नहीं किया है जिससे उसका उदाहरण पेश किया जा सके.
कार्ड पास की जांच का मुद्दा
पमरे के जबलपुर कोटा भोपाल मंडल सहित कई कर्मचारी ऐसे हैं जिन्होंने विभागीय कार्ड पास का धड़ल्ले से उपयोग कर विभाग को लाखों के राजस्व को हानि पहुंचाई है परंतु इन सभी जांच के कोई सकारात्मक परिणाम भी नहीं आए हैं.
जबलपुर मंडल में तीन तीन वरिष्ठ परिचालन प्रबंधक की पदस्थापना
देश का सबसे बड़े महाकुंभ का 46 दिनों तक प्रगागराज में आयोजन किया गया. प्रयागराज के अंतर्गत प्रयागराज झांसी व आगरा मंडल का कार्य क्षेत्र शामिल किया गया है. कुंभ के आयोजन में विभिन्न जोवल महाप्रबंधकों द्वारा प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधकों के निर्देशन में हजारों ट्रेनों का संचालन क्रिया गया. इतने बड़े आयोजन के बावजूद किसी भी मंडल में इतने वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधकों को पदस्थापना नहीं की गई परंतु जबलपुर मंडल रेल प्रचंधक कार्यालय में तीन तीन अधिकारियों को पदस्थाना किये
पश्चिम मध्य रेल कामापुर जाने के बाद भी परिणाम शून्य ही दिखायी देता है. इस प्रकार अधिकारियों को क्यों उपकृत किया जाना कई शंकाओं को जन्म दे रहा है.
सतर्कता विभाग में दर्जनों प्रकरण लबित है
पमरे जोन कार्यालय में यह चर्चा जोरो से है कि मुख्य सतर्कता अधिकारी एसडीएम कार्यालय में बाणिज्य परिचालन सिंगल, इंजीनियरिंग विद्युत विभाग लेखा विभाग आदि के सैकड़ों प्रकरण लचित है. यह प्रकरण क्यों लंबित है यह जानने को फुर्सत किसी को भी नहीं है. इसलिए कर्मचारी यह भी कहते हैं कि जैसा राजा वैसी प्रजा है.
सभी अपनी अपनी इच्छानुसार कार्य को संपादित करता है. विजिलेंस विभाग के कावों की यदि उच्च स्तरीय निगरानी की जाए तो सभी विभागों के काम को अंजाम तक शीघ्रता से पहुंचाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.