जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट ने राज्य शासन को जबलपुर से अन्य शहरों के लिए एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए सार्थक प्रयास करने कहा है। जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने राज्य के संबंधित अधिकारियों की एयरलाइन्स कंपनियों के अधिकारियों के साथ बैठक करने के निर्देश दिये है।
युगलपीठ ने ने कहा इसमें जबलपुर से अन्य बड़े शहरों के लिए एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने पर सार्थक चर्चा की जाए। मामले पर अगली सुनवाई 25 जून को नियत की है।नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से 2024 में जनहित याचिका दायर कर जबलपुर से एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने की मांग की गई थी। नोटिस जारी होने के बाद विमानन कंपनियों ने अपने जवाब में कहा था कि अधिक टैक्स लिए जाने के कारण वे फ्लाइट संचालन में असमर्थ हैं।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने दलील दी कि जबलपुर में अन्य शहरों की तुलना में कम फ्लाइट हैं। पूर्व में जबलपुर से मुम्बई पुणे कोलकाता बेंगलुरु आदि शहरों के लिए फ्लाइट संचालित होती थी। जबलपुर की एयर कनेक्टिविटी प्रदेश के इंदौर, ग्वालियर तथा भोपाल के सामान थी।
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फ्लाइट के लगातार बंद होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व में जबलपुर से औसतन 15 फ्लाइट संचालित होती थीं। वर्तमान में इनकी संख्या कम हो गई है। एयर इंडिया एक्सप्रेस की ओर से पेश जवाब में कहा गया है कि उनके द्वारा देश के 45 हवाई अड्डों से उड़ानों का संचालन होता है।
भारत के जिन 73 एयरपोर्ट से उनकी कंपनी द्वारा उड़ाने नहीं भरती, उसमें जबलपुर भी शामिल है। विभिन्न एयरपोर्ट से फ्लाइट का संचालन लाभ-हानि की दृष्टि से तय होता है। मामले पर बुधवार को सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता विवेक शर्मा ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने फरवरी 2025 में एक योजना बनाई है।
इसमें एयरलाइन्स कंपनियों को रियायती दरों पर सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है। कोर्ट ने उक्त नीति के लिए सरकार की पहल की सराहना करते हुए उस पर अमल करने के निर्देश दिये है।