जबलपुर. महिला ने पति पर मासूम बच्ची जबरन ले जाने का आरोप लगाते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट जस्टिस ए के सिंह व जस्टिस अमित सेठ की युगलपीठ की युगलपीठ ने पिता को आदेशित किया है कि वह अगली सुनवाई के दौरान मासूम बच्ची के साथ व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहें।
याचिका पर अगली सुनवाई 16 जून को निर्धारित की गयी है। याचिकाकर्ता रीवा रोड सतना निवासी मेघा गांधी की तरफ से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में कहा गया था कि पति राहुल से पारिवारिक विवाद होने के कारण वह अपनी साढ़े तीन वर्षीय बच्ची के साथ अलग रहती थी।
वह अपनी बच्ची के साथ 20 मार्च को बाजार गयी हुई थी। कार में बच्ची बैठी हुई थी और वह कुछ सामान लेने दुकान चली गयी थी। इस दौरान पति राहुल बच्ची को लेकर चला गया। बच्ची के लापता होने पर उसकी तलाश प्रारंभ की। तभी पति राहुल ने फोन कर बताया कि बच्ची उसके साथ है।
जिसके बाद उसने कोतवाली थाना पहुंचकर पति द्वारा बच्ची को जबरन ले जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट दर्ज करने के बावजूद भी पुलिस द्वारा बच्ची को तलाशने के संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की गयी।
जिसके कारण उक्त बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गयी है। याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य शासन, गृह सचिव, एसपी सतना, थाना प्रभारी सतना कोतवाली सहित पति को हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किये थे।
याचिका पर सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान अनावेदक पति के अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित हुए। युगलपीठ ने सुनवाई के बाद उक्त आदेष जारी किये। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता आदित्य अधिकारी ने पैरवी की।