दमोह ,देशबन्धु. महिला जेल प्रहरी को पति की मृत्यु के बाद सात साल पहले अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। अब उनकी मौत के बाद उनका सात वर्षीय बेटा रुद्रांश तिवारी बचा है, उसके दादा-दादी भी जीवित नहीं हैं।
दमोह जिले की हटा उपजेल में पदस्थ महिला जेल प्रहरी की शनिवार सुबह शासकीय आवास पर करंट लगने से मौत हो गई। जैसे ही घटना की जानकारी जेलर नागेंद्र सिंह को मिली, वे तुरंत अन्य जेल प्रहरियों के साथ महिला को सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। महिला जेल प्रहरी को उनके पति की मृत्यु के बाद अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। इस घटना के बाद हटा उपजेल में शोक का माहौल है।
हटा उपजेल के जेल अधीक्षक नागेंद्र सिंह ने बताया कि महिला जेल प्रहरी नम्रता तिवारी शनिवार सुबह ड्यूटी के लिए तैयार हो रही थीं। इसी दौरान उन्होंने बोर्ड का बटन चालू किया तो करंट लगने से वह बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ीं। पास में रहने वाले जेल प्रहरी पुष्पेंद्र सिंह ने घटना की जानकारी दी, जिसके बाद महिला प्रहरी को इलाज के लिए हटा सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहां, डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया।
सात साल का बेटा अनाथ
महिला जेल प्रहरी को पति की मृत्यु के बाद सात साल पहले अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। इस हादसे के बाद उनका सात वर्षीय बेटा रुद्रांश तिवारी अकेला हो गया, उसके दादा-दादी भी जीवित नहीं हैं। जेल अधीक्षक ने बताया कि मृतका के मायके पक्ष के लोग दमोह से हटा पहुंच चुके हैं। अब रुद्रांश अपने नाना-नानी के साथ रहेगा।
सम्मानपूर्वक दी गई अंतिम सलामी
महिला जेल प्रहरी का पार्थिव शरीर पोस्टमार्टम के बाद हटा उपजेल लाया गया, जहां एसडीएम राकेश मरकाम, तहसीलदार प्रवीन त्रिपाठी, जेल अधीक्षक नागेंद्र चौधरी, सीबीएमओ डॉक्टर उमाशंकर पटेल और जेल स्टाफ ने सलामी देकर दिवंगत प्रहरी को अंतिम सम्मान दिया। इसके बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए दमोह रवाना किया गया।