जबलपुर,देशबन्धु. मप्र हाईकोर्ट के जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को निर्देशित किया है कि पूर्व अंतरिम आदेश के अंतर्गत याचिकाकर्ता को खंड डिंडौरी में कार्य करने और अनावेदक राकेश कुमार को हटाने का आदेश जारी करें। एकलपीठ ने अपने आदेश में सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि ऐसा नहीं करने पर विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ के विरुद्ध अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।
याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी सुरेन्द्र बहादुर की ओर से दलील दी गई कि याचिकाकर्ता को डिंडौरी में मूल पदस्थापना होते हुए भी जबलपुर भेज दिया। एक बर्खास्त कर्मी राकेश कुमार सौंधिया को उपकृत करने पीएचई खंड डिंडौरी में पदस्थ किया गया था। वर्ष 2016 में उसे सेवामुक्ति दे दी गई थी, लेकिन बाद में उसे हाई कोर्ट से स्थगन मिल गया। शासन की नीति के विरुद्ध राकेश कुमार 2018 से लगाकर 2025 तक पदस्थ रहा। शासन ने 31 जनवरी को राजेश को उपखंड डिंडौरी में भेज दिया था। राकेश ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जो कि निरस्त हो गई। इसके दो माह बाद सुरेन्द्र को चार्ज मिल गया, लेकिन 10 मार्च को पुन: राकेश को पदस्थ कर दिया। लिहाजा सुरेन्द्र ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने 18 मार्च को शासन के 10 मार्च के आदेश पर रोक लगा दी थी। अब कोर्ट ने विभाग को पूर्व आदेश का पालन करने निर्देश दिया है