नई दिल्ली. इस वर्ष के अंत तक, भारत में इलेक्ट्रिक कारों की कीमतें पेट्रोल कारों के दामों के समकक्ष आ सकती हैं. 6 महीनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें पेट्रोल गाड़ियों के बराबर होने वाली है. दिल्ली में आयोजित 32वें कन्वर्जेंस इंडिया और 10वें स्मार्ट सिटीज इंडिया एक्सपो में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यह दावा किया है.
सरकारी सूत्रों के अनुसार, इलेक्ट्रिक कारों के निर्माण में होने वाली लागत में कमी और बैटरी प्रौद्योगिकी में सुधार के चलते ये कारें अधिक सस्ती होंगी. इसके परिणामस्वरूप, उपभोक्ताओं को अब उच्चतम गुणवत्ता की इलेक्ट्रिक कारें अधिक किफायती दरों पर उपलब्ध होंगी.
गडकरी ने कहा, ‘हमारी नीति है – आयात में कमी, लागत में बचत, प्रदूषण से मुक्ति और देश में ही उत्पादन को बढ़ावा देना.’ बता दें कि गडकरी पहले भी कुछ मौकों पर ये बात कह चुके हैं कि आने वाले समय में ईवी की कीमतें कम होंगी, ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा इसका इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित हों. गडकरी ने ये भी कहा कि भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करना जरूरी है.
उन्होंने कहा, ‘अच्छी सड़कों से हम लॉजिस्टिक्स लागत घटा सकते हैं, जिससे व्यापार में फायदा होगा.’ केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 212 किलोमीटर लंबा दिल्ली-देहरादून एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण अगले 3 महीनों में पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार स्मार्ट शहरों और स्मार्ट ट्रांसपोर्ट के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
गडकरी ने बताया, ‘हम इलेक्ट्रिक पर आधारित मास रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर काम कर रहे हैं.’ नई तकनीक और इनोवेशन को जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण की लागत घटाने के लिए नई तकनीक और इनोवेशन को प्रोत्साहित करना जरूरी है.