गांधीग्राम, देशबन्धु. हर साल नहरों के रखरखाव के लिए लाखों का बजट आता है. लम्बे समय से अब तक नहरें बन्द ही चल रही हैं.नर्मदा घाटी बरगी नहर व्यापवर्तन परियोजना के जल उपभोक्ता संस्था गांधीग्राम की कुंड वितरिका पिपरिया नहर की वर्तमान समय में झाड़ झंखाड़,पेड़,पौधों,झाड़ियों व कचरे से पटी पड़ी हैं.
पर नहर विभाग के अधिकारी कभी झांकने नहीं आते तक विभाग नहरों की साफ-सफाई नहीं करवा सका, तो जब नहरें चालू होंगी तो टेल तक पानी नहीं पहुंच पाएगा. साथ ही, सीपेज से पानी व्यर्थ भी जाएगा. नहरों की साफ-सफाई के लिए विभाग के पास दो माह का समय रहता है.इस अवधि में उसे नहरों की सफाई करा लेना चाहिए किंतु मानसून आने के बाद भी कार्य नहीं हो पाया, अब तो होने से रहा.
नहरों में जमे हैं बड़े बड़े पौधे- किसानों के अनुसार की कई वर्षों से नहरों का पानी अंतिम छोर तक नहीं पहुंच रहा था जिससे हर वर्ष किसानों को परेशानी बनी रहती थी. इसका मुख्य कारण था कि नहरों की ढंग से सफाई ही नहीं की जाती थी. संपर्क नहरों में तो बड़े-बड़े पौधे लगे हुए थे, जिस कारण नहरों का पानी आगे पहुंचता ही नहीं रहा था.
अधिकारी उदासीन- नहर विभाग के अधिकारियों की उदासीनता से किसान नाराज हैं.किसानों का कहना है कि हजारों रुपये महीने वेतन उठाने वाले अधिकारियों का आलम यह है कि फील्ड पर नहरों की दयनीय हालत देखने का इनके पास समय नही है. जल उपभोक्ता संस्था गांधीग्राम के किसानों का कहना है कि गांधीग्राम के अंतर्गत आने वाले 14 ग्रामों की ग्राम बम्होरी, धमकी, मिढ़ासन, पिपरिया, देवनगर, कैलवास, उमरिया, तपा, खुडावल, शहजपुरा, ताला, धनगवां, कुकरई, चन्नौटा में अधिकारी निरीक्षण करके देख सकते हैं कि नहरों में बेहिसाब पेड़ पौधे व कचरा भी जमा है.