गोटेगांव, देशबन्धु. नगर में सार्वजनिक स्थानों और बाजारों में खुले में मांस-मटन की बिक्री बदस्तूर जारी है. स्वच्छता अभियान और मुख्यमंत्री मोहन यादव की सख्त निर्देश वाली घोषणाओं के बावजूद स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है. मुख्यमंत्री ने साफ-सफाई और मांस बिक्री के लिए निर्धारित नियमों को सख्ती से लागू करने की बात कही थी, लेकिन गोटेगांव में हालात इससे बिल्कुल विपरीत हैं.
मुख्य बाजारों में खुलेआम बिक्री-नगर क्षेत्र सहित कई स्थानों पर खुले में मांस-मटन की बिक्री हो रही है. गंदगी और दुर्गंध से राहगीरों को परेशानी होती है, लेकिन प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा.
स्वच्छता अभियान को ठेंगा-एक ओर सरकार स्वच्छ भारत मिशन के तहत सफाई व्यवस्था पर करोड़ों खर्च कर रही है, वहीं दूसरी ओर सार्वजनिक स्थानों पर मांस बिक्री के कारण स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ रही हैं. सड़क किनारे मांस की दुकानों पर मक्खियां भिनभिनाती हैं, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा भी बना रहता है.
मुख्यमंत्री की घोषणा हवा में-हाल ही में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सार्वजनिक स्थानों पर मांस-मटन की खुली बिक्री पर रोक लगाने की बात कही थी. साफ-सफाई बनाए रखने के लिए मांस विक्रेताओं को ढंके हुए स्थान और निर्धारित दुकानों में बिक्री के निर्देश दिए थे, लेकिन गोटेगांव में यह सब कागजों तक सीमित है.
प्रशासन की अनदेखी पर उठे सवाल-स्थानीय नागरिकों का कहना है कि कई बार इस समस्या की शिकायत की गई, लेकिन प्रशासन ने आंखें मूंद रखी हैं. खुले में बिकने वाले मांस-मटन के कारण बीमारियों का खतरा बना हुआ है, इसके बावजूद जिम्मेदार कार्रवाई करने को तैयार नहीं हैं.
नगरवासियों की मांग-नगरवासियों ने जिला प्रशासन और नगर परिषद से मांग की है कि खुले में मांस-मटन बिक्री पर तत्काल रोक लगाई जाए. मांस विक्रेताओं को नियमों के दायरे में लाकर उचित स्थान पर बिक्री के निर्देश दिए जाएं, ताकि नगर की स्वच्छता और स्वास्थ्य व्यवस्था बनी रहे.