जबलपुर, देशबन्धु. आबकारी विभाग में कंट्रोल रूम के लिये अपने भवन के लिये भेजे जाने वाले प्रस्ताव को भोपाल में बैठे आला अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया है.
इसके लिये जब तब विभागीय अधिकारियों ने जबलपुर से इसका प्रस्ताव भेजा है, लेकिन अब तक इसे आगे की प्रक्रिया के लिये हरी झंडी नहीं दिखाई गई है. इससे जल्द आबकारी विभाग के कं ट्रोल रूम का खुद का भवन तैयार होता नहीं दिख रहा है. उल्लेखनीय है कि पूर्व में देशबन्धु ने जबलपुर में सालों से किराये के भवन में आबकारी विभाग का कंट्रोल रूम संचालित किया जा रहा है.
हर सालों लाखों रूपये किराये के रूप में विभाग भवन मालिक को अदा कर चुका है, इसके बाद भी अब तक स्वयं की बिल्डिंग बनने का मार्ग प्रशस्त नहीं हो पाया है. जिसके बाद विभाग के लोगों ने भी फिलहाल उम्मीद छोड़ दी है. दशकों से इसी तरह किराये के भवन में जबलपुर आबकारी विभााग का कंट्रोल रूम संचालित किया जा रहा है.
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यहां पर संचालित हो रहा है नियंत्रण कक्ष-जबलपुर जिले में अवैध शराब की रोकथाम के लिये कंट्रोल रूम डा. बराट रोड नेपियर टाउन में कई सालों से है. इसके पहले गोरखपुर के पास भी इसी तरह आबकारी विभाग का कंट्रोल रूम संचालित किया जा रहा था. इसके बाद बराट रोड के पास दो मंजिला भवन में कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया. यहां पर अब कई जरूरी व्यवस्थाओं की कमी देखी जा सकती है.
जरूरी काम होते हैं प्रभावित- सूत्रों के अनुसार जहां पर अभी आबकारी विभाग का कंट्रोल रूम संचालित है, वहां पर सीमित जगह है. इसके कारण विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिये जगह कम पड़ जाती है. एक-एक कमरे में दो से तीन वृत्त थाना क्षेत्रों के कर्मियों को बैठना पड़ता है. कई बार तो इनको बाहर कुर्सी डालकर भी बैठक करने पर मजबूर होना पड़ता है. इससे मैदानी अमले के काम काज पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है.
अपराधियों को रखने की जगह नहीं- चौकाने वाली बात है कि अवैध शराब के मामले में आरोपियों की संख्या ज्यादा होने पर उनको रखने की व्यवस्था नही है. इससे विषम स्थिति निर्मित हो जाती है. ऐसा नही है इस तरह की परेशानी की खबर आला अधिकारियों को नही है, बावजूद इस पर उचित पहल नहीं की जा रही है जो अराजकता का कारण बन रहा है.