प्रेस विज्ञप्ति
परिश्रम को मिला सम्मान, बढ़ा आयुर्वेद का मान!
पतंजलि की ऐतिहासिक उपलब्धि
रीनोग्रिट पर शोध किया गया, विश्व प्रसिद्ध प्रकाशक नेचर पोर्टफोलियो के रिसर्च जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स के वर्ष 2024 के शीर्ष 100 शोधपत्रों में शामिल
रीनोग्रिट की यह सफलता आयुर्वेद की वैज्ञानिक प्रमाणिकता को वैश्विक स्तर पर आख्यान वाला एक महत्वपूर्ण कदम: आचार्य बालकृष्ण
हरिद्वार, देशबन्धु.योगऋषि स्वामी रामदेव महाराज से प्रेरित और पतंजलि के वैज्ञानिकों द्वारा साक्ष्य आधारित आयुर्वेदिक औषधि अनुसंधान से निर्मित किडनी की दवा रेनोग्रिट पर हुए शोध को विश्व विख्यात प्रकाशक नेचर पोर्टफोलियो की शोध पत्रिका साइंटिफिक रिपोर्ट्स में वर्ष 2024 के शीर्ष 100 शोधों में शामिल किया गया है। साइंटिफिक रिपोर्ट्स का इम्पैक्ट फैक्टर 3.8 है और यह दुनिया की पांचवीं सबसे अधिक उद्धृत पत्रिका है। रेनोग्रिट पर प्रकाशित इस शोध पत्र को 2,568 लोगों ने डाउनलोड किया है। इससे इस बात की पुष्टि होती है कि आयुर्वेदिक औषधियां न केवल बीमारियों को ठीक करने में सफल साबित हो रही हैं, बल्कि वैज्ञानिकों के लिए भी यह कौतुहल का विषय है कि जड़ी-बूटियों से बनी औषधि बिना किसी दुष्प्रभाव के बड़ी से बड़ी बीमारी को कैसे ठीक करने में सक्षम है। पतंजलि द्वारा निर्मित आयुर्वेदिक औषधि रेनोग्रिट न केवल एलोपैथिक कैंसर की दवा सिस्प्लैटिन से क्षतिग्रस्त किडनी को ठीक करती है, बल्कि किडनी की कोशिकाओं पर पड़ने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को भी ठीक करती है। इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि रेनोग्रिट की यह सफलता आयुर्वेद की वैज्ञानिक प्रामाणिकता को वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह दर्शाता है कि जब सनातन विज्ञान को नई तकनीकों की कसौटी पर परखा जाता है तो किस तरह अभूतपूर्व परिणाम प्राप्त होते हैं।
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https://www.nature.com/articles/s41598-024-69797-3