चंबा/शिमला. हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. मंडी जिले की त्रासदी के बाद अब चंबा जिले के चुराह उपमंडल में दो जगह बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है.
रविवार सुबह करीब 9 से साढ़े 9 बजे के बीच बघेईगढ़ पंचायत के कंगेला नाला पर बना पुल तेज पानी की धारा में बह गया, जिससे चांजू, देहरा, चरड़ा और बघेईगढ़ पंचायतों का जिला मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह टूट गया है.
चार पंचायतों की हजारों आबादी हुई अलग-थलग
पुल बह जाने के कारण क्षेत्र की हजारों की आबादी अब बाहरी दुनिया से कटकर अपने गांवों में फंसी हुई है. राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए गए हैं, लेकिन दुर्गम इलाकों में संपर्क व्यवस्था बाधित होने से प्रशासन को परेशानी हो रही है.
टिकरीगढ़ के बंधा नाला में भी फटा बादल, फसलें तबाह
इसी उपमंडल की टिकरीगढ़ पंचायत में भी बंधा नाला में बादल फटने की घटना दर्ज की गई है. यहां भारी बारिश और सैलाब की वजह से खेतों में खड़ी मक्की और अन्य फसलें बर्बाद हो गई हैं.
करेरी पंचायत में भारी नुकसान, मक्की की फसल पूरी तरह नष्ट
करेरी पंचायत के गांवों—नालउथारु, फंगरोड़ता, सरोता, चनहान, सारन, करेरी और कुगार में भारी वर्षा और तूफान ने मक्की की पूरी फसल को नष्ट कर दिया है. ये गांव मुख्य रूप से इसी फसल पर निर्भर रहते हैं. ग्रामीणों ने राजस्व विभाग से मुआवजा देने की मांग की है.
2016 में भी हो चुका है ऐसा हादसा
गौरतलब है कि वर्ष 2016 में भी नकरोड़-चांजू मार्ग पर बादल फटा था, जिससे क्षेत्र के हजारों लोग कई दिनों तक अपने घरों में कैद हो गए थे. अब एक बार फिर वही मंजर दोहराता नजर आ रहा है.
प्रशासन अलर्ट पर, नुकसान का आंकलन जारी
प्रशासनिक टीमें मौके पर रवाना कर दी गई हैं. अब तक जान-माल के नुकसान की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन संपर्क टूटने और फसलें तबाह होने से ग्रामीणों की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है.