गांधीग्राम, देशबन्धु.गांधीग्राम, धमकी, माल्हा, रामपुर, बमहौरी, देवनगर, हृदयनगर, धरमपुरा, डूंडी, कुशनेर, पिपरिया, शहजपुरा, पथरई में भाईचारे का त्योहार होली गांधीग्राम में धूमधाम से मनाई गई। लोगों ने एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाया। प्रेम और भाईचारे के साथ होली खेली।गले मिलकर शुभकामनाएं दी।बच्चों ने बुजुर्गों के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।युवाओं की टोली जगह-जगह ढोल बजाकर शाम तक नाचते-झूमते रहे।
धुरेड़ी की सुबह को ही बच्चों ने पिचकारी लेकर घरों से बाहर निकलकर राहगीरों पर रंग डालना शुरू कर दिया था। होली खेलने वाले मस्तानों की टोलियां घरों से निकल पड़ी। अपने परिचित, मित्रों, रिश्तेदारों को रंग-गुलाल लगाकर होली की बधाई देने का सिलसिला दिनभर चलता रहा। युवा, बच्चे, महिलाओं में होली का उत्साह देखते बन रहा था। महिलाओं और युवतियों ने भी जमकर होली खेली।
एक-दूसरे को पानी के रंगों से भिगोकर सराबोर कर दिया।
बच्चे अपने घर की छतों से आने-जाने वाले लोगों पर पिचकारी और बैलून से रंग डाल रहे थे। वहीं, युवक और युवतियां अपनी टोलियों में रंगों से सराबोर हो रहे थे। रंग-गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं देने का सिलसिला रात तक चलता रहा। होली पर तरह-तरह के व्यंजनों का भी जायका लिया। युवाओं ने मोहल्लों में ढोल धमाकों की थाप पर जमकर डांस किया। एक-दूसरे को रंग गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दी।
पुलिस भी रही सक्रिय-गोसलपुर थाना प्रभारी के साथ समस्त स्टाप ने गांधीग्राम बस स्टेंड, बाजार स्थल,कूड़ा -कंजई तिराहा व आसपास के गाँव गाँव पेट्रोलिंग कर होली पर्व को शांतिपूर्ण सम्पन्न कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।इस अवसर पर पुलिस ने होली के हुड़दंग के बीच पुलिस बेहद सक्रिय दिखाई दी। प्रमुख चौराहों के साथ ही मिश्रित आबादी वाले इलाकों में पुलिसकर्मी मुस्तैद दिखाई दिए।
रंग कम गुलाल-अबीर का अधिक प्रयोग
इस बार होली पर पक्के रंग कम बल्कि अबीर-गुलाल का सर्वाधिक प्रयोग हुआ। अधिकांश लोगों के हाथों में गुलाल की पुड़िया ही दिखाई दी। कुछ अवश्य रंगों से होली खेलते दिखाई दिए। कई लोगों का कहना था कि केमिकल वाले रंगों से इस बार उन्होंने परहेज ही किया है।