जयपुर-अजमेर एक्सप्रेस-वे मंगलवार देर रात एक भयानक हादसे का गवाह बना। सरावदा गांव के पास 7 अक्टूबर की रात एक केमिकल टैंकर ने घरेलू गैस सिलेंडरों से भरे ट्रक को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि 35 हजार लीटर ज्वलनशील केमिकल से भरा टैंकर आग के गोले में बदल गया। कुछ ही मिनटों में सिलेंडर भी एक-एक कर फटने लगे और चारों ओर आग की लपटें फैल गईं।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, सिलेंडरों में हुए धमाके 3 से 4 किलोमीटर दूर तक सुनाई दिए। कई सिलेंडर 40-50 फीट तक उछलकर फटे। इलाके में भगदड़ मच गई। कई लोग अपनी जान बचाने के लिए खेतों में छिप गए, जबकि सड़क पर चल रहे वाहनों ने उल्टी दिशा में भागकर जान बचाई। हादसे में केमिकल टैंकर का ड्राइवर मौके पर ही जलकर खाक हो गया। जब आग बुझाई गई, तो उसके केबिन में सिर्फ मांस के लोथड़े, दांत और हड्डियों के टुकड़े बचे थे। अवशेषों को डीएनए जांच के लिए एसएमएस अस्पताल की मॉर्च्युरी भेजा गया। टैंकर नसीराबाद (अजमेर) से आ रहा था, जबकि सिलेंडर लदा ट्रक हाईवे किनारे खड़ा था। सिलेंडर ट्रक के आगे खड़े रवि नामक ड्राइवर ने बताया, “मैं ट्रक में मोबाइल पर वीडियो देख रहा था तभी पीछे से जोरदार धमाका हुआ। जैसे ही बाहर भागा, पीछे आग का गोला था। मैं खेतों में भागा और कुछ मिनट बाद दो जलते सिलेंडर मेरे ट्रक से टकराए। अगर देर करता तो जिंदा नहीं बचता।” जयपुर, किशनगढ़, सांभर, फुलेरा और मुहाना से दमकल की करीब 36 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। आग की लपटें 25 से 30 फीट ऊंची थीं। रातभर की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। हादसे के कारण दूदू से मोखमपुरा तक ट्रैफिक कई घंटों तक बाधित रहा।
केमिकल टैंकर पर पांच घंटे तक डाला गया पानी
आग की गर्मी इतनी ज्यादा थी कि तीन घंटे बाद भी सड़क किनारे पड़ा पानी गुनगुना था। केमिकल का तापमान नियंत्रित रखने के लिए दमकल कर्मियों ने लगातार पांच घंटे तक पानी डाला। आशंका है कि ट्रक में रखे करीब 200 सिलेंडरों में से अधिकांश फट गए।हाईवे पर मौजूद कई ड्राइवरों ने बताया कि दूदू से लेकर बगरू तक RTO कर्मी अक्सर ट्रक ड्राइवरों को रोककर पैसों की मांग करते हैं। इसी कारण ड्राइवर कई बार तेज गति से गाड़ी भगाने की कोशिश में नियंत्रण खो बैठते हैं। पिछले एक साल में इस रूट पर 20 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
हादसे के बाद दहशत, लोगों ने कहा,ऐसा मंजर पहली बार देखा
सांवरिया होटल के मालिक संतोष रावत बोले, “इतनी भयानक आग मैंने कभी नहीं देखी। सिलेंडर फटने से पूरा इलाका थर्रा उठा। हमने होटल छोड़कर भागकर जान बचाई।” प्रशासन ने लिया नियंत्रण, सुबह 4 बजे खुला ट्रैफिक: पुलिस, सिविल डिफेंस और प्रशासन की टीमें रातभर मौके पर डटी रहीं। हादसे के डेढ़ घंटे तक कोई ट्रक के पास भी नहीं जा सका। सुबह करीब 4 बजे हाईवे पर ट्रैफिक दोबारा सुचारू हुआ। फिलहाल टैंकर ड्राइवर की शिनाख्त नहीं हो सकी है, जबकि गैस सिलेंडर ट्रक का ड्राइवर अब भी लापता है।