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गोटेगांव,देशबन्धु.स्थानीय नगर के सिमरिया रोड बाईपास के पास स्थित छात्रावास भवन वर्षों से बेकार पड़ा हुआ है एवं अधीक्षक भवन की हालत जर्जर हो गई है। छात्रावास भवन मे पहले बकरियां बांधी जाती थी लेकिन उनके जाने को उपरांत यह स्थल शराबियों का अड्डा बन चुका है, लेकिन शासन-प्रशासन द्वारा इन भवनों की देखरेख करते हुए इन्हें उपयोगी बनाने कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
शासकीय ठाकुर निरंजनसिंह महाविद्यालय भवन का निर्माण करने के लिए गोटेगांव से सिमरिया रोड पर श्मशान घाट से कुछ ही दूरी पर मौजूद तालाब की जमीन दान में मिली थी। यह भूमि महाविद्यालय के नाम से राजस्व रिकार्ड में मौजूद है। इस हिस्से में महाविद्यालय के छात्रों के लिए छात्रावास का निर्माण किया गया था। वहीं इससे लगी सरकारी भूमि पर आदिवासी बालक छात्रावास भवन एवं अधीक्षक भवन का निर्माण किया गया था। जहां पर कुछ वर्षों तक आदिवासी बालक छात्रावास संचालित होता रहा।
वहीं महाविद्यालय के छात्रावास कक्षों में भी आदिवासी बालक छात्रावास के बच्चे निवास करते रहे। मगर धीरे-धीरे उक्त दोनों भवन जर्जर हो जाने पर यहां से आदिवासी बालक छात्रावास को गोटेगांवखेड़ा ग्राम पंचायत में विस्थापित कर दिया गया है। जब से यहां से आदिवासी बालक छात्रावास के बच्चे गए हैं। तब से उक्त दोनों भवन पूरी तरह से खंडहर हो गए हैं। इन भवनों के अंदर लगा हुआ सामान खिड़की,दरवाजे चोरी हो गए।यह सरकारी भवन खंडहर होने के बाद यहां पर अनैतिक कृत्य, नशा करने वाले करते रहे।
अब यह स्थल नशेड़ियों का अड्डा बन गया है बदहाल कमरों के अंदर पड़ी हुई शराब की बोतलें स्वयं गवाही दे रही है।ज्यादातर समय इस भवन का इस्तेमाल बकरियां चराने वाले करते हैं,यह दोनों छात्रावास अय्याशी शराब खोरी करने वालों का स्थान बन चुके हैं। परंतु स्थानीय प्रशासन कुंभकरण की निद्रा में सोया हुआ है वहीं इस महत्वपूर्ण महाविद्यालय की जगह पर समुचित उपयोग करने की दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही है। इस तालाब की जमीन समतल हो गई थी, मगर इस पर अवैध खुदाई होने से कुछ स्थल पर बारिश का पानी फिर से भरने लगा है। इसी जमीन पर पिछले साल मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर भी उतरा था। इस महाविद्यालय की जमीन के इर्द-गिर्द बायपास सड़क निकलने पर किनारे की जमीन पर कुछ लोगों की वक्र दृष्टि हो रही है।
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