कोतमा,देशबन्धु. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोतमा में फैली अव्यवस्था एवं डॉक्टरों की कमी को लेकर 24 मार्च सोमवार से अनशनकारी देवशरण सिंह व एडवोकेट दीपक कुमार द्वारा अस्पताल परिसर के बाहर अपनी प्रमुख मांगो को लेकर भूख हड़ताल करते हुए आमरण अनशन में बैठे हुए है।
जहां उनकी जायज मांगों को देखते हुए नगर के आम नागरिकों भी उनके साथ इस अनशन में शामिल होना प्रारंभ कर दिए थे। भूख हड़ताल वा आमरण अनशन में कई राजनीति पार्टियों ने भी शिरकत करते हुए उन्हे अपना समर्थन दिया है। वहीं 27 मार्च को चौथे दिन एसडीएम कोतमा अजीत तिर्की, सीएमएचओं डॉ. आर.के. वर्मा, तहसीलदार ईश्वर प्रधान सहित थाना प्रभारी कोतमा सुन्द्रेश मरावी सहित पुलिस टीम मौके पर पहुंचे।
जहां बीते 4 दिनों से भूख हड़ताल एवं आमरण अनशन में बैठे हुए लोगो का स्वास्थ्य खराब होने पर उपचार के लिए जिला अस्पताल ले जाने की बात कहते पुलिस द्वारा जबरन अनशकारियों को उठा दिया गया। वहीं पूरे मामले में सीएमचओं डॉ. आर.के. वर्मा ने सभी मांगो को शीघ्र पूर्ण करने आश्वासन दिया गया।
ये रखी गई थी मांगे -उक्त अनशन के माध्यम से मांग की गई है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोतमा में काफी समय से महिला एवं पुरूष डॉक्टरों का आभाव बना हुआ है, छोटी-छोटी बीमारियों के इलाज के लिए मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। जिसके कारण मरीजो को कोतमा अस्पताल में प्राथमिक उपचार तक नही मिल पाता है, जो सिर्फ रेफर सेंटर बन कर रह गया है, कोतमा अस्पताल में एम्बुलेंस की व्यवस्था नही है, मरीजों को जब रेफर किया जाता है तो एम्बुलेंस का कई-कई घंटो तक इंतजार करना पड़ता है, जिसके कारण रेफर किए स्थान तक पहुंचने से पहले मरीज की मृत्यु हो तक हो जाती है,
कोतमा अस्पताल में शासन द्वारा जो दवाईयां दी जाती है उनके लिए मरीजों दर-दर भटकना पड़ता है, कोतमा में जांच संबंधी मशीनरी वा उपकरण होते हुए भी मरीजो की जांच नही की जाती, और जांच के लिए मरीजो को बाहर भेजा दिया जाता है, जबकि अस्पताल में ऐसी मशीने है जो विगत 2-3 वर्षो से पैक रखी हुई है, जिसके विशेषज्ञों के आभाव में में उपयोग नही किया जा रहा है जिसमें सोनोग्राफी मशीन भी एक उदाहरण है, कोतमा अस्पताल में साफ-सफाई की व्यवस्था बदहाल है सफाई कर्मचारी होने के बावजूद भी गंदगी का अंबार लगा रहता है,
कोतमा अस्पताल में शासन के द्वारा कायाकल्प योजना के तहत जो भी राशि प्रदान की गई है उसका उपयोग कहां किया गया है, कुछ नही दिख रहा है इसके साथ कोतमा अस्पताल में शासन द्वारा मौसम के हिसाब से जो भी इलेक्ट्रिक उपकरण मरीजो के लिए उपलब्ध कराये जाते है उन्हे अस्पताल परिसर में नही लगे हुए है जैसे की टीवी, कूलर, एसी, फैन, हिटर इत्यादी।
स्वास्थ्य बिगड़ने पर तुड़वाया गया अनशन
सीएमएचओं डॉ. आर.के. वर्मा ने बताया कि अनशनकारियों को चेकअप कराया गया था, जो बीते 4 दिनों से खाना नही खाने के कारण रक्त में उनका सीरम क्रिएटिनिन लेवल बढ़ गया है, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होता है। ऐसा में स्वास्थ्य के लिए ये खतरनाक होता है, इसका उपचार कोतमा अस्पताल में संभव नही था, जिसके कारण उपचार हेतु अनशनकारियों को जिला अस्पताल ले जाया गया है। एसडीएम कोतमा अजीत तिर्की ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की अव्यवस्थाओं को लेकर 24 मार्च से बैठे अनशनकारियों द्वारा प्रदर्शन में बैठे थे। जहां सीएमएचओं डॉ. आर.के. वर्मा ने उनकी मांगो को सकरात्मक निराकरण कर दिया था। स्वास्थ्य संबंधी समस्या के कारण उनको अनशन समाप्त कर के जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है। स्वास्थ्य संबंधी रिपोर्ट बीएमओं की है। इस प्रदर्शन के लिए उन्होने टेंट लगाकर जो अनशन कर रहे थे उनका विधिवत अनुमति भी ली थी। इस लिए अनशन समाप्त कराया गया है।