श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में भारतीय सेना ने महज कुछ ही दिनों में 150 फुट लंबे ट्रिपल पैनल डबल स्टोरी रिइनफोर्स्ड बेली ब्रिज का निर्माण कर क्षेत्र की टूटी हुई जीवनरेखा को फिर से जोड़ दिया. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को वर्चुअल माध्यम से इस पुल का उद्घाटन किया और इसे लगभग डेढ़ लाख लोगों के लिए जीवनरेखा बताया.
लगातार बारिश से रामबन–गूल मार्ग का अहम हिस्सा बह जाने के बाद क्षेत्र की आवाजाही और आपूर्ति व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो गई थी. ऐसे समय में भारतीय सेना के *व्हाइट नाइट इंजीनियर्स* ने दिन-रात मेहनत कर इस पुल का निर्माण किया.
उपराज्यपाल ने कहा कि यह पुल न केवल रामबन, संगलदान और गूल क्षेत्रों के लोगों को जोड़ेगा, बल्कि उन्हें आवश्यक वस्तुओं, स्वास्थ्य सेवाओं और आपातकालीन सुविधाओं तक निर्बाध पहुंच भी सुनिश्चित करेगा. उन्होंने सेना के साहसी इंजीनियरों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह पुल भारतीय सेना की निष्ठा, दक्षता और सेवा भाव का प्रतीक है.
इस मौके पर मेजर जनरल एपीएस बल (जीओसी डेल्टा फोर्स), डॉ. मंदीप के भंडारी (प्रधान सचिव), मोहम्मद इलयास खान (उपायुक्त रामबन), ब्रिगेडियर के. अरुण (कमांडर 11 सेक्टर आरआर), श्रीधर पाटिल (डीआईजी डोडा-किश्तवाड़-रामबन रेंज) समेत सेना, पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
बताया गया कि इस कठिन कार्य में भारतीय सेना के साथ-साथ बीआरओ, एनएचएआई, जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने भी अहम भूमिका निभाई.