इंदौर. इंदौर में सेवानिवृत शिक्षक ने लिवर ट्रांसप्लांट कराने के लिए जो जमा पूंजी एकत्र की थी, उसे साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट कर ठग लिया. उन्हें मनी लांडिंग, ड्रग्स सप्लाई में लिस होने होने का आरोप लगाते हुए पूछताछ करने का झांसा दिया. सतबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करने पर अपराध शाखा ने 49ात. को फोन कर बुजुर्ग के 26 लाख 45 हजार रुपये बचा लिए. एडिशनल डीसीपी (अपराध) राजेश दंडोतिया ने बताया कि
घटना रवींद्र बापट के साथ हुई. 63 वर्षीय बापट के पास पिठ नौ सितंबर को साइबर ठग का कॉल आया था. उसने फेट कोरियर का अधिकारी बताते हुए कहा कि दिल्ली से मलेशिय पार्सल कस्टम विभाग ने दिल्ली 36 फर्जी पासपोर्ट, 140 एमडी उम ने बातों में उलझाया और बता कि इसकी दिल्ली साइबर क्राइम को शिकायत करनी चाहिए. उसने लाइन ट्रांसफर भी कर दी. बात करने वाले दूसरे व्यक्ति ने दिल्ली साइबर क्राइम का अधिकारी बताया और कहा कि बयान के लिए दिल्ली आना पड़ेगा. वृद्ध द्वारा इन्कार करने पर वीडियो कॉल पर ही
एयरपोर्ट पर रोक लिया है. इसमें साइबर हेल्पलाइन ड्रग्स सहित अन्य सामान मिला है. ने बचाए 26 लाख
आधार कार्ड में बैंक खाते लिंक बताकर धमकाया आरोपित ने रवींद्र से आधार कार्ड मांगा और कहा कि इसका सत्यापन करना पड़ेगा. कुछ देर जांच का बहाना कर कहा कि इसस ती कई बैंक (मनी लाँडिर) हुआ है. आपने कानूनी कारवाई का हर कराया और कहा कि कभी-कभी अपराधी दस्तावेजों का दुरुपयोग कर लेते हैं.