इंदौर. मध्य प्रदेश के एमवाय अस्पताल में 1 सितंबर को नवजात बच्चों को चूहों द्वारा कुतरने की दर्दनाक घटना के बाद रविवार को एक बार फिर से अस्पताल में विरोध प्रदर्शन हुआ। यह मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है।
जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) संगठन के कार्यकर्ताओं ने रविवार सुबह बड़ी संख्या में अस्पताल पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद उन्होंने इस गंभीर लापरवाही के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए अस्पताल का घेराव किया।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि इस अमानवीय घटना के लिए सीधे तौर पर अस्पताल प्रबंधन और जिम्मेदार अधिकारी दोषी हैं। प्रशासन ने इस मामले की जांच में सिर्फ खानापूर्ति की है।
उन्होंने कहा कि अब तक किसी भी दोषी अधिकारी पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। जांच अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिसकी वजह से लापरवाह अधिकारी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं। सरकार भी इस पर ध्यान नहीं दे रही है।
जयस के राष्ट्रीय अध्यक्ष लोकेश मजूमदार ने इस घटना को “अमानवीय” बताते हुए मांग की कि अस्पताल के डीन समेत अन्य जिम्मेदार अधिकारियों पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाए।
उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक दोषियों पर कठोर कार्रवाई नहीं होती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। अगर जल्द ही इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो आने वाले दिनों में आंदोलन और तेज किया जाएगा।
लोकेश ने कहा कि अगर जल्द ही कार्रवाई नहीं की गई तो आने वाले दिनों में फिर से इस तरह की घटना हो सकती है।
अस्पताल के बाहर घंटों तक चले विरोध प्रदर्शन की सूचना मिलने पर पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और जयस के कार्यकर्ताओं से बात कर मामला शांत कराया।
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एमवाय अस्पताल में पिछले दिनों चूहों के कुतरने से दो नवजात शिशु गंभीर रूप से घायल हो गए थे, बाद में उनकी मौत हो गई थी। जिसके बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कलेक्टर को नोटिस जारी कर रिपोर्ट भी तलब की थी। पुलिस मामला दर्ज कर जांच कर रही है, लेकिन अब तक कोई रिपोर्ट न आने पर सियासत तेज हो रही है।