जबलपुर. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ;यूजीसी द्वारा जबलपुर के दो विश्व विद्यालयों को डिफाल्टर की सूची में डालने के बाद विवि प्रबंधन में हड़कंप मचा हुआ है। विवि ने अपने छुट्टी पर गए स्टाफ को वापिस बुलाया और वो सारे रिकॉर्ड दुरुस्त करने की कवायद शुरु कीएजिनके कारण डिफॉल्टर होने की नौबत आई।
जबलपुर की महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय व महाकौशल यूनिवर्सिटी को डिफॉल्टर की लिस्ट में डाला गया है। इन दोनों सहित प्रदेश के 10 निजी विश्वविद्यालयों को डिफॉल्टर की श्रेणी में शामिल किया है। यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों को नोटिस जारी कर स्पष्ट किया है कि निजी विश्वविद्यालयों को तय फार्मेट में प्रमाणित दस्तावेज समय-सीमा के भीतर जमा करने थे
लेकिन निर्धारित समय बीत जाने के बाद भी कई विश्वविद्यालयों ने यह प्रक्रिया पूरी नहीं की। इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए आयोग ने सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यूजीसी का कहना है कि निजी विश्वविद्यालयों को हर साल तय फार्मेट में प्रमाणित दस्तावेज जमा करना होता है।
इसमें दाखिले से संबंधित विवरणए डिग्री की मान्यताए शैक्षणिक गतिविधियां और फैकल्टी की स्थिति शामिल होती हैए लेकिन इन विश्वविद्यालयों ने ऐसा नही किया। यूजीसी ने विश्वविद्यालयों की आधिकारिक वेबसाइटों की जांच में पाया गया कि कई विश्वविद्यालय अपनी वेबसाइट को समय पर अपडेट नहीं कर रहे हैं।
वहां पाठ्यक्रमए मान्यताए फैकल्टीए फीस संरचना और प्रशासनिक विवरण उपलब्ध नहीं थे। यूजीसी ने चेतावनी दी है कि यदि विश्वविद्यालय अब भी नियमों का पालन नहीं करतेए तो उनके खिलाफ बड़ी कार्यवाही की जाएगी। इसमें विश्वविद्यालय की मान्यता निरस्त करने से लेकर प्रवेश प्रक्रिया रोकने तक के कदम उठाए जा सकते हैं। इससे निजी विश्वविद्यालयों में हड़कंप मच गया है। विवि अब जल्दबाजी में अपनी वेबसाइट और दस्तावेज अपडेट करने की तैयारी में जुट गए हैं।