जबलपुर . सरकारी सिस्टम की बेरुखी का एक और उदाहरण सामने आया है. कृषि विभाग द्वारा उपयंत्री पद के लिए चयनित करीब दो दर्जन अभ्यर्थी एक साल से नियुक्ति पत्र का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें जॉइनिंग नहीं दी गई है.
21 सितंबर 2024 को आयोजित परीक्षा का परिणाम 2 दिसंबर को जारी हुआ था. इसके बाद 27 फरवरी 2025 को भोपाल में दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया भी सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई. इसके बावजूद चयनित अभ्यर्थियों को अब तक कार्यभार ग्रहण करने का मौका नहीं मिला है. इससे उम्मीदवार मानसिक, पारिवारिक और आर्थिक तनाव से जूझ रहे हैं.
चयनित अभ्यर्थियों में नीरज तिवारी, विशाल चौधरी, कपित जाट सहित कई युवाओं का कहना है कि सरकार रोजगार देने की बातें करती है, लेकिन कृषि विभाग नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी नौकरी देने से पीछे हट रहा है. उम्मीदवारों का आरोप है कि एक साल बाद भी नियुक्ति न मिलना उनके भविष्य को अंधकारमय बना रहा है और अन्य विभागों की तरह समय पर नियुक्ति न दिए जाने से वे निराश हैं.
इनका कहना है कि वे कई बार भोपाल के विभागीय कार्यालय जाकर अधिकारियों से मिल चुके हैं, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन देकर लौटा दिया जाता है. विभाग अब तक इस देरी का कोई स्पष्ट कारण भी नहीं बता पाया है.