जबलपुर. शहर के व्यापारी इन दिनों 5-10 रुपए के सिक्कों की तंगी के चलते परेशान हैं. खास तौर पर 5 रुपए के सिक्के की कमी के चलते व्यापारियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं. व्यापारियों का आरोप है कि सिक्कों की कमी को आपदा में अवसर बनाकर कुछ लोग 5 के सिक्कों की बड़े पैमाने पर कालाबाजारी कर रहे हैं.
ये लोग सिक्कों का कारोबार कर रहे हैं और महंगे दामों पर सिक्के बेच रहे हैं. खबर हैं कि सिक्कों के धातु का उपयोग दूसरे काम में किया जा रहा है. इसकी वजह से कुछ लोग बाजार में सिक्के खरीदते हुए भी नजर आ रहे हैं. बैंक के अधिकारियों का कहना है कि रिजर्व बैंक की तरफ से भी सिक्कों की आपूर्ति में कमी है इस वजह से यह समस्या न सिर्फ शहर ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी विकराल रूप लेती जा रही हैं.
छोटे-बड़े व्यापारी परेशान
जबलपुर की विजयेंद्र सिंह पटेल एक रेस्टोरेंट कारोबारी हैं. उनका कहना है कि कई बार सिक्कों की कमी के चलते तब समस्या का सामना करना पड़ता हैं जब ग्राहक ऑनलाइन भुगतान न कर रहा हो. इसी तरह डेयरी कारोबारियों के साथ किराना व्यापारियों का कहना है कि कारोबार में फुटकर बिक्री में फुटकर पैसों का इस्तेमाल होता है लेकिन इन दिनों वे परेशान हैं क्योंकि उन्हें पांच के सिक्के नहीं मिल रहे हैं. बचे हुए 5 रुपए के बदले में कोई भी ग्राहक 1 और 2 रुपए के सिक्कों में लेना पसंद नहीं करता. यही स्थित दवा दुकानदारों की जो सिक्कों की कमी के चलते परेशान हैं.
दवा दुकानदारों के अनुसार दवाई बिक्री में भी फुटकर पैसे की बहुत अधिक जरूरत होती है लेकिन पांच का सिक्का ना होने की वजह से ग्राहकों को जबरन चॉकलेट या गोली देनी पड़ रही है. इससे कई बार विवाद की स्थिति भी बन जाती हैं. इस समस्या से शहर ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे बड़े हर फुटकर दुकानदार परेशान है क्योंकि बाजार में 5 रुपए के सिक्कों की भारी कमी है. व्यापारियों ने बताया कि उन्होंने 5 रुपए के सिक्के की मांग बैंक से की तो बैंक भी उन्हें सिक्के नहीं दे पा रहे हैं. बहुत ज्यादा जरूरत होती है तो सिक्के का कारोबार करने वाले अवैध कारोबारी 5 से 10 परसेंट ज्यादा लेकर सिक्के मुहैया करवाते हैं. वहीं कुछ ऐसे लोग भी आते हैं जो सिक्के ज्यादा पैसे देकर खरीदते हैं.
एक 5 के सिक्के से बनती हैं 5 ब्लेड!
बाजार में इस बात की चर्चा का बाजार भी गर्म है कि 5 रुपए के पुराने सिक्के में जो धातु होती है उससे ब्लेड बनाई जाती है. सोशल मीडिया पर भी ऐसे कई वीडियो वाइरल हैं जिनमें 5 रुपए के एक सिक्के से पांच ब्लेड बन जाती हैं. इसलिए इन सिक्कों को खरीद कर इनकी धातु का इस्तेमाल दूसरे कामों में किया जाता है. हालांकि इसी बात को ध्यान में रखकर रिजर्व बैंक ने नए सिक्के जारी किए जिनका वजन मात्र 6 ग्राम है.
कम की सिक्कों की सप्लाई
बाजार में कितनी मुद्रा चलानी है इसका फैसला भारतीय रिजर्व बैंक करता है. रिजर्व बैंक समय-समय पर सभी बैंकों के चेस्ट ब्रांच में करेंसी भिजवाता है. जबलपुर में स्टेट बैंक के एक ब्रांच मैनेजर ने बताया कि, यह बात सही है कि रिजर्व बैंक की ओर से कई दिनों से सिक्कों की आपूर्ति नहीं आई है. इसके पहले शहर में 5 रुपए के सिक्के दिवाली के समय आए थे और उनकी भी सप्लाई बहुत कम थी. इसलिए बाजार में यदि 5 रुपए के सिक्के कम है तो इसकी एक बड़ी वजह सप्लाई का कम होना है.
सिक्कों का दूसरे कामों में उपयोग गैरकानूनी
हालांकि बैंक अधिकारियों का कहना है कि जो मुद्रा जितनी रकम की है उससे ज्यादा में यदि कोई खरीद बिक्री कर रहा है तो यह गैरकानूनी ही है. इसके साथ ही यदि किसी मुद्रा को गला कर दूसरे उपयोग में लिया जा रहा है तो यह भी गैरकानूनी है. ऐसा करने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.