जबलपुर, देशबन्धु. नगर में ऐसे चौराहे-तिराहे जाम के लिये कुख्यात बन गये हैं जो अब राहगीरों और वाहन चालकों के लिये मुसीबत बन गये हैं. इस समस्या के कारण कई बार तो गंभीर रूप से बीमार लोग अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं और रास्ते में उनकी मौत हो जाती है. इस बीच जवाबदार विभाग के आला अधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने खामोशी की चादर तान रखी है.
उल्लेखनीय है कि शहर में ऐसे सार्वजनिक स्थानों की संख्या में इजाफा हो रहा है जो बदहाल यातायात व्यवस्था की वजह बन गये हैं. समस्या की विकरालता का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ऐसे चौराहो और तिराहों में दिन या शाम को कभी भी वाहनों का लंबा जाम देखने को मिलने लगा है. इस दौरान वाहन चालकों में विवाद भी बन रहे हैं.
इन क्षेत्रों में सर्वाधिक संकट
यहां यह बात ध्यान देने वाली है कि वैसे शहर में कई जगह है जहां पर समस्या है, जो क्षेत्र सबसे अधिक समस्या से प्रभावित हैं, उनमें आईटीआई तिराहा, दीनदयाल उपाध्याय चौक, घमापुर चौक प्रमुख रूप से शामिल हैं. यहां पर आये दिन इस तरह की समस्या से जूझते लोगों को देखा जा सकता है.
ट्रेफिक सिंग्लन बंद ने समस्या बढ़ाई
बताया गया है कि शहर में आधा दर्जन से ज्यादा चौक- तिराहों के ट्रेफिक सिंगल बंद हैं, कई जगह पीली लाइट जलती रहती है. इससे वाहन चालक समझ नहीं पाते हैं उन्हें आगे कैसे बढ़ना है. गोहलपुर चौक, रद्दी चौक, नागरथ चौक, ज्योति टाकीज चौक, इत्यादि जगह हैं. जहां के ट्रेफिक सिंग्लन काम नहीं कर रहे हैं.
आये दिन हो रही है परेशानी
आईटीआई तिराहे पर लगने वाले जाम को लेकर अर्पित रैकवार का कहना है कि बीते कई दिनों से समस्या बनी हुई है, लेकिन अब तक इसे निपटाने का काम नहीं किया गया है. लोगों को दिक्कत हो रही है. यहां से पाटन और कटंगी की तरफ वाहन आते जाते हैं.
बस स्टेंड आने पर संकट बढ़ा
हरी चढ़ार ने बताया कि जब से बस स्टेंड आया है, इस क्षेत्र में बड़े छोटे वाहनों की संख्या में इजाफा हुआ है. तिराहे पर किसी तरह के इंतजाम नही है, इससे ट्रेफिक सिंगल और अधिक अराजक हो गया है, इससे हादसे भी हो रहे हैं. वाहन कही से | निकल जाते हैं. इस तरफ जल्द ध्यान देना चाहिये .