जबलपुर/उमरिया. जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना द्वारा निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ शुरु की गई मुहिम का असर न सिर्फ संभाग के अन्य जिलों में बल्कि प्रदेश के अन्य जिलों में भी दिखाई दे रहा हैं. उमरिया में निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने कलेक्टर ने सख्ती जताते हुए 69 स्कूल प्रबंधकों को फटकार लगाई. जिले में पहली बार इस स्तर पर सख्त चेतावनी और नियमों के सख्ती से पालन की बात करते हुए यह स्पष्ट किया गया कि अब निजी स्कूलों की अनियमितताओं को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा. शिक्षा की गुणवत्ता के साथ-साथ प्रशासन अब पारदर्शिता और न्यायप्रियता सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस कदम उठा रहा हैं.
फीस और संचालन व्यवस्था पर नजर
उमरिया जिले में निजी स्कूलों की फीस और संचालन व्यवस्था को लेकर अब प्रशासन सख्त रुख अपनाने जा रहा है. मप्र निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) नियम 2020 के तहत जिला पंचायत सभागार में कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. बैठक में फीस विनियमन से जुड़ी अनियमितताओं और नियमों की अनदेखी पर कलेक्टर ने स्पष्ट शब्दों में नाराजगी जाहिर की और संबंधित स्कूलों को चेतावनी दी.
पोर्टल पर अपलोड करें फीस की जानकारी
कलेक्टर जैन ने निर्देश दिए कि सभी निजी विद्यालय मप्र निजी विद्यालय नियम 2020 की धारा 3 एवं 4 के अनुसार अभिभावकों को स्पष्ट एवं मदवार शुल्क विवरण दें. यह भी अनिवार्य है कि आगामी सत्र की प्रस्तावित फीस संरचना सत्र प्रारंभ होने से 180 दिन पहले शासन द्वारा निर्धारित पोर्टल पर अपलोड की जाए और उसे जिला समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाए. उन्होंने कहा कि कई विद्यालय इस नियम का पालन नहीं कर रहे हैं, जो गंभीर चिंता का विषय है.
दी गई चेतावनी
इस दौरान यह तथ्य भी सामने आया कि जिले के 69 निजी विद्यालयों ने अब तक मान्यता से संबंधित आवश्यक जानकारी प्रस्तुत नहीं की है. इस पर कलेक्टर ने कड़ा ऐतराज जताते हुए संबंधित विद्यालयों को चेतावनी दी कि यदि निर्धारित समय सीमा में जानकारी नहीं दी जाती है, तो उनके विरुद्ध नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी. निरीक्षण में प्रतिकूलता पाए जाने पर जुर्माना या मान्यता निरस्त करने जैसी कार्रवाई भी की जा सकती है.
समर स्पेशल ट्रेन: मुंबई से कटिहार के मध्य चल रही संचालन में विस्तार
ताकि बने शिक्षा व्यवस्था पारदर्शी
कलेक्टर ने यह भी कहा कि निजी विद्यालयों को अपने संचालन में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व का पालन करना होगा. स्कूलों को शासन के नियमों के अनुरूप ही संचालित किया जाना चाहिए. बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी, निजी विद्यालय संचालक, संबंधित विभागीय अधिकारी और अभिभावक प्रतिनिधि उपस्थित रहे. इस बैठक का मूल उद्देश्य जिले में निजी शिक्षा संस्थानों की जवाबदेही तय करना और शिक्षा व्यवस्था को अधिक पारदर्शी बनाना था. शासन की मंशा है कि कोई भी अभिभावक निजी स्कूलों की मनमानी और अव्यवस्थित फीस संरचना का शिकार न हो.