जबलपुर. न्यायपालिका के आधुनिकीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, रविवार को जि़ला एवं सत्र न्यायालय, जबलपुर में डिजिटल कोर्ट का उद्घाटन सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस सूर्य कांत, जस्टिस जे.के. महेश्वरी, और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा द्वारा किया गया.
उद्घाटन समारोह मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया. मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के कांफ्रेंस खंड में आयोजित इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के प्रशासनिक न्यायाधीश जस्टिस संजीव सचदेवा ने भी भाग लिया.
पेपरलैस अदालतों की परिकल्पना का उद्देश्य
इस पहल का उद्देश्य पेपरलेस अदालतों की परिकल्पना को आगे बढ़ाना, न्यायिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता, दक्षता और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देना है. कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के ओटीटी प्लेटफॉर्म का शुभारंभ था. जो जि़ला न्यायालय की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग को सक्षम करेगा, जो न्यायिक मर्यादा और सुरक्षा को बनाए रखते हुए न्याय तक सार्वजनिक पहुंच बढ़ाने की दिशा में एक अग्रणी कदम है.
सुनवाई और निराकरण में आएगी तेजी: चीफ जस्टिस
चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने डिजिटल कोर्ट प्रणाली के बारे में विस्तार से बताया, जिसमें कागज़ के उपयोग को कम करने और मुकदमों की सुनवाई और निपटान में तेज़ी लाने के लिए न्यायिक दस्तावेजों के डिजिटलीकरण में इसकी भूमिका पर ज़ोर दिया गया. यह पर्यावरण-अनुकूल दृष्टिकोण व्यापक पर्यावरण संरक्षण लक्ष्यों के अनुरूप है.
न्यायपालिका का तकनीकी नवाचार: जस्टिस सचदेवा
जस्टिस संजीव सचदेवा, ने आईटी टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय भारत की न्यायपालिका में तकनीकी नवाचार में सबसे आगे है. कार्यक्रम में न्यायपालिका के समर्पित ओटीटी प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रसारित अदालती कार्यवाही का सीधा प्रदर्शन किया गया, जिससे न्यायाधीशों, अधिवक्ताओं और वादियों को एक सुरक्षित, डिजिटल वातावरण में निर्बाध रूप से जुडऩे की अनुमति मिली. यह पहल एक अधिक सुलभ, कुशल और टिकाऊ न्यायिक प्रणाली के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो पूरे देश की अदालतों के लिए एक बेंचमार्क स्थापित करती है.
ये रहे उपस्थित
कार्यक्रम के दौरान मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की मुख्य पीठ, जबलपुर के जस्टिस अतुल श्रीधरन, जस्टिस विवेक अग्रवाल, जस्टिस विशाल धगत, जस्टिस मनिंदर सिंह भट्टी, जस्टिस द्वारकाधीश बंसल, जस्टिस दिनेश कुमार पालीवाल,जस्टिस अनुराधा शुक्ला, जस्टिस अचल कुमार पालीवाल, जस्टिस अवींद्र कुमार सिंह, जस्टिस विनय सराफ, जस्टिस विवेक जैन, जस्टिस प्रमोद कुमार अग्रवाल, जस्टिस देवनारायण मिश्रा और जस्टिस विवेक रूसिया, खंडपीठ इंदौर के न्यायाधीश ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से इस अवसर की शोभा बढ़ाई.
इसके अतिरिक्त, ग्वालियर और इंदौर खंडपीठों के न्यायाधीशगण भी इस महत्वपूर्ण अवसर पर वर्चुअल माध्यम से उपस्थित रहे. मध्य प्रदेश राज्य भर के जि़ला और तहसील मुख्यालयों पर पदस्थ सभी न्यायिक अधिकारियों भी जि़ला न्यायपालिका में तकनीकी उन्नति के उदय के साक्षी वर्चुअल प्लेटफॉर्म के माध्यम से रहे.