जबलपुर. शहर के साथ देशभर में निर्मित और बिक्री के लिए उपलब्ध दवाओं की सैंपलिंग को लेकर सेंट्रल ड्रग अथॉरिटी निगरानी रखती है. निरंतर नियामक निगरानी के तहत दवाओं के नमूने बिक्री/वितरण बिंदु से एकत्र किए जाते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि कथित तौर पर जीवन रक्षक दवाएं निर्माण कर रहीं इंदौर की दवा कंपनियां दवा निर्माण करने में निर्धारित पैमानों का पालन नहीं कर पा रही हैं. जिसके चलते उनके सैंपल हर महीने राज्य ही नहीं केंद्रीय लैब से भी फेल हो रहे हैं. इंदौर की कुल 6 दवा कंपनियां ऐसी मिली हैं, जिनके 16 सैंपल मई, जून, अगस्त, अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर और जनवरी महीने में फेल हुए हैं.
ये सभी सैंपल नॉन स्टैंडर्ड क्वालिटी (एनएसक्यू) के मिले हैं. इसमें दो कंपनियां मॉडर्न लैबोरेट्रीज और नंदिनी मेडिकल लैबोरेट्रीज के सबसे ज्यादा 10 सैंपल फेल हुए हैं. वहीं, जेनेथ फार्मा और सिंडिकेट तो ऐसी हैं, जिनकी एक ही दवाई के अलग-अलग बैच नंबर के सैंपल भी मानकों पर खरे नहीं उतर पाए हैं. हालांकि, इन दवा कंपनियों ने सैंपल की रिपोर्ट को चैलेंज भी किया है.
शहर के कुछ दवा व्यापारियो की मानें तो कथित तौर पर माटी मोल दवाएं देने वाली इन कंपनियों की दवाओं की सर्वाधिक खपत जबलपुर में हैं और इसके कई स्टॉकिस्ट और होल सेलर इन कंपनियों की दवाओं के सैंपल फेल होने के बाद सकते में आ गए हैं, जिसके चलते दवा बाजार के साथ कुछ दवा व्यापारियों में हड़कंप का माहौल हैं.
लगातार जांच से खुली पोल
असल में देशभर में बन रही और बिक रही दवाइयों की सैंपलिंग को लेकर सेंट्रल ड्रग अथॉरिटी निगरानी रखती है. निरंतर नियामक निगरानी के तहत दवाओं के नमूने बिक्री/वितरण बिंदु से एकत्र किए जाते हैं. उनका विश्लेषण किया जाता है और मानक गुणवत्ता के अनुरूप (एनएसक्यू) नहीं पाई गई दवाओं की सूची हर महीने सीडीएससीओ पोर्टल पर प्रदर्शित की जाती है. इसी सूची में इंदौर की दवा कंपनियों के सैंपल लगातार फेल होते दिख रहे हैं. सूची प्रदर्शित करने का उद्देश्य हितधारकों को बाजार में पाए गए दवाओं के एनएसक्यू बैचों के बारे में जागरूक करना है.
एमएसएमई अवार्ड से सम्मानित हुए थे दवा कंपनियों के मालिक
दोनों कंपनियों की वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार इंदौर के दवा निर्माता अरुण खरिया और डॉ. अनिल खरिया ही इन दोनों दवा कंपनियों मै. नंदिनी मेडिकल लेबोरेटरीज प्रा.लि. और मै. मॉडर्न लैबोरेट्रीज में मैनेजिंग डायरेक्टर और मैनेजिंग पार्टनर की भूमिका में हैं. सेंट्रल अथॉरिटी द्वारा जारी की गई लिस्ट में इन्हीं की कंपनियों के सबसे ज्यादा 5 महीने में 10 सैंपल लगातार फेल हुए हैं. ये दोनों ही इंदौर के बड़े दवा निर्माता माने जाते हैं. इन दोनों ही फार्मा कंपनियों को 2023 में भोपाल में एमएसएमई अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है.
कोलकाता और चेन्नई की लैब में हुई टेस्टिंग
इंदौर की जिन 6 दवा कंपनियों के सैंपल फेल हुए हैं, उनमें मै. बंगाल केमिकल एंड फार्मास्यूटिकल्स लि., मै. नंदिनी मेडिकल लेबोरेटरीज प्रा.लि., मै. मॉडर्न लेबोरेट्रीज, मै. जेनेथ ड्रग लि., मै. बायोमेडिका लेबोरेट्रीज प्रा.लि. और सिंडिकेट फार्मा शामिल हैं. इन कंपनियों की दवाइयों के सैंपल कोलकाता, चेन्नई और त्रिपुरा की सेंट्रल व स्टेट लेबोरेटरीज में फेल हुए हैं. इन दवाओं में कफ सिरप, एनेस्थीसिया और डिलीवरी वाली दवाइयां शामिल हैं. जो जीवन रक्षक दवाइयों में शामिल हैं.