जबलपुर. मप्र विद्युत वितरण कंपनी के कथित दोहरे मापदण्डों को लेकर अब विरोध के स्वर उठने लगे हैं. हालहीं में विद्युत दरों में जल्द ही बढ़ोत्तरी के संकेतों के बाद यह बात सामने आ रही हैं कि प्रदेश के उपभोक्ताओं को कंपनी जहां महंगी दरों पर विद्युत प्रदाय करेगी वहीं दूसरे राज्यों को कम दरों में कंपनी द्वारा बिजली बेची जाएगी. प्रदेश के घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली के नए टैरिफ के तहत 3.46 फीसद महंगी बिजली मिलेगी, जबकि प्रदेश के बाहर सस्ती बिजली बेची जाएगी.
इस बदलाव से जहां प्रदेश के लोग महंगी बिजली का सामना करेंगे, वहीं दूसरे राज्यों को फायदा होगा. इस बदलाव से जहां प्रदेश के लोग महंगी बिजली का सामना करेंगे, वहीं दूसरे राज्यों को फायदा होगा, क्योंकि सरप्लस बिजली के दाम घटा दिए गए हैं. यह फैसला एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी की ओर से लिया गया है, जिसे नियामक आयोग की मंजूरी मिल चुकी है.
घरेलु उपभोक्ताओं से सौतेला व्यवहार क्यों
शहर के साथ प्रदेश भर के विद्युत उपभोक्ता इसे विद्युत कंपनी का घरेलु उपभोक्ताओं से सौतेला व्यवहार बता रहे हैं. जहां घरेलू उपभोक्ताओं को अब बिजली के नए टैरिफ के तहत 3.46 फीसद महंगी बिजली मिलेगी एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी प्रदेश के बाहर बिजली की दरों में 27 पैसे प्रति यूनिट की गिरावट कर बिजली बेचेगी.
इस फैसले से जहां मध्य प्रदेश के उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा, वहीं दूसरे राज्यों को सस्ती बिजली मिलेगी. एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी नए टैरिफ में सरप्लस बिजली को अब 4.31 रुपए प्रति यूनिट की दर से दूसरे राज्यों को बेचेगी, जबकि पहले यह दर 4.58 रुपए प्रति यूनिट थी.
अन्य कंपनियों को भी कम रेट में बिजली
कंपनी द्वारा पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी और पीथमपुर में एमपीआइडीसी को भी कम दर पर बिजली दी जाएगी. इससे इन कंपनियों को भी राहत मिलेगी लेकिन घरेलू उपभोक्ताओं को ज्यादा महंगी बिजली मिलेगी, जिससे उनके लिए चिंता का कारण बन सकता हैं.
बिजली दरों में हुआ इजाफा
कंपनी ने उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरों में वृद्धि की है. नए टैरिफ के अनुसार, 151 से 300 यूनिट तक बिजली का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं से पहले प्रति यूनिट 6.61 रुपए लिए जाते थे, जिसे अब 18 पैसे बढ़ाकर 6.79 रुपए प्रति यूनिट कर दिया गया है. इसके अलावा, प्रदेश के बाहर सरप्लस बिजली की बिक्री के दामों में 27 पैसे की कमी की गई है.
महंगी बेची जाए सरप्लस बिजली
कंपनी के सेवानिवृत्त अधिकारियों का कहना है कि एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी से उपभोक्ताओं को दी जाने वाली बिजली महंगी है. अगर सरप्लस बिजली को सस्ते दाम पर बेचा जाता तो राज्य के उपभोक्ताओं को भी इसका फायदा मिलता और कंपनी को नुकसान नहीं होता.