जबलपुर. पूर्व बिशप पीसी सिंह का मिशनरी स्कूलों की संपत्ति के खुद बुर्द करने एक और घोटाला सामने आया है. बिशप रहते हुए उन्होंने बिना अनुमति एक लाख वर्ग फुट अधिक जमीन कौड़ियों के नाम लीज पर प्रदान कर दी थी. आर्थिक अपराध शाखा ने पूर्व विषय सहित अन्य के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है.
गौरतलब है कि ईओडब्ल्यू की टीम ने तत्कालीन बिशप पीसी सिंह के नेपियर टाउन स्थित निवास पर 8 सितंबर 2022 को दबिश दी थी. दबिश के दौरान 12 लाख का सोना, 1 करोड़ 65 लाख रुपए नगद, 48 बैंक खाते, 18352 यूएस डॉलर, 118 पांउड, 9 लग्जरी गाड़ियां, 17 संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे.
ईओडब्ल्यू ने फर्जी तरीके से संस्था का रिजर्वेशन करवाकर मिशनरी स्कूलों कर कब्जा करने, स्कूल की राशि का दुरुपयोग करने, मिशनरी स्कूल की जमीन अपने ट्रस्ट के नाम पर दर्ज करवाने सहित अन्य मामले में बिशप पीसी सिंह, उनके खास राजदार सुरेश जैकब, बेटा पीयूष तथा बीके सोलंकी के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था. इसके अलावा उनके द्वारा प्रदेष में स्थित मिषनरी स्कूलों की कई सम्पत्तियां कौडियों के भाव बेची गयी थी. इसके अलावा अन्य प्रदेष में भी उनके खिलाफ इस तरफ के दर्जनों अपराध दर्ज है.
ताजा मामला पचमढ़ी के मुख्य व्यावसायिक क्षेत्र स्थित 1,05,837 वर्ग फीट भूमि एवं उस पर निर्मित भवन को कौडियों के भाव लीज पर देने का है. उन्होने सतपुड़ा रिसॉर्ट प्रा.लि. के मालिक प्रमोद पुरी को उक्त जमीन 14 वर्ष की लीज पर केवल 12,500 रूपये के मासिक किराये दी थी. नितिन लॉरेंस एवं एनडीटीए के पूर्व प्रॉपर्टी सचिव प्रशांत सत्रालकर द्वारा की गयी थी. एनडीटीए के स्वामित्व की पचमढ़ी स्थित भूमि एवं भवन को एनडीटीए व चौरिटी कमिश्नर नागपुर से बिना अधिकारिता अनुमति लिये लीज पर दिया गया था.
ईओडब्ल्यू भोपाल ने जांच के बाद तत्कालीन मोडरेटर एवं बिशप जबलपुर डायेसिस, चर्च ऑफ नार्थ इंडिया पीसी सिंह, प्रॉपर्टी सचिव एम.के सिंह (मृत) एवं सतपुड़ा रिसॉर्ट प्रा.लि. के मालिक प्रमोद पुरी एवं अन्य के विरूद्ध धारा 120बी, 406, 420 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है.