जबलपुर, देशबन्धु. नगर में मंगलवार 4 फरवरी को मां नर्मदा प्राकट्योत्सव श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया. जगह-जगह मां नर्मदा की प्रतिमाओं को विराजित किया गया था. पंडालों को आकर्षक रूप से सजाया गया था. हर तरफ मां नर्मदा की स्तुती के साथ उनकी जयकारा लगाये जा रहे थे. साथ ही डीजे की धुनों पर भक्त मां की आराधना में डूबे हुये थे. नर्मदा के तटों में विशेष रूप से कार्यक्रम आयोजित किये गये थे. जहां पर भक्तों की भारी भीड़ हर तरफ नजर आ रही थी.
भंडारों के अनेक स्टॉल लगाये गये थे जहां पर भक्तों को विविध प्रकार के व्यंजन परोसे गये थे. जयकारों के साथ भक्त मां नर्मदा के झंडा और चुनरी लेकर पहुंच रहे थे. प्रमुख रूप से विजय नगर, कृषि उपज मंडी, दीनदयाल अंतर्राज्यी बस स्टेंड, आईटीआई तिराहा, शिवनगर के साथ ही शहर के दूसरे स्थानों पर भंडारे के आयोजन किये गये.
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पुण्य सलिला जीवनदायिनी मां नर्मदा की अविरल धारा हमे जीवन देने के साथ ही हमारे जीवन में समृद्धि और खुशहाली देती है, हम सौभाग्यशाली है कि मां के तट के किनारे हमे रहने का अवसर हमे मिला, इसीलिए आज उनके प्राकट्योत्सव पर हमे मिलकर संकल्प लेना होगा कि मां नर्मदा को स्वच्छ और निर्मल रखेंगे और दूसरो को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे. यह बात लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह ने मां नर्मदा प्राकट्योत्सव के अवसर पर नर्मदा तट गौरीघाट में कही. शाम को गौरीघाट में महाआरती हुई.
नर्मदा प्राकट्योत्सव पर संतो के सानिध्य और लोक निर्माण मंत्री के नेतृत्व में रेतनाका से गौरीघाट तक मां नर्मदा की प्रतिमा को विराजित कर रथयात्रा निकाली गई. पूरे यात्रा मार्ग में मंत्री श्री सिंह नंगे पैर प्रारंभ स्थल से गौरीघाट तक रथ को खींचते हुए गए.
इस अवसर पर पूज्य स्वामी गिरिशानंद जी महाराज, पूज्य कालीनंद जी, पूज्य राम भारती जी, पूज्य बुधेश्वरानंद जी महाराज के साथ नगर अध्यक्ष रत्नेश सोनकर, लेखराज सिंह मुन्ना, पंकज दुबे, रजनीश यादव, अभय सिंह, अरविंद पाठक, ओंकार दुबे, मनीष दुबे, कौशल सूरी, योगेंद्र सिंह ठाकुर रूपा राव, संतोष यादव, शैलेंद्र विश्वकर्मा, प्रणय गुप्ता, प्रशांत दुबे गुल्लन, शारदा कुशवाहा, मालती चौधरी, डॉक्टर संजय चौधरी सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे.
प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने नर्मदा जयंती पर आज सुबह गौरीघाट पहुँचकर पुण्य सलिला माँ नर्मदा के दर्शन किये और पूज्य दादा गुरु के सान्निध्य में पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना की. इस अवसर पर महापौर श्री जगत बहादुर सिंह अन्नू भी उनके साथ थे.
नर्मदा जयंती के अवसर पर मंत्री श्री पटेल सिद्धघाट में दादागुरू के साथ चल रहे नर्मदा परिक्रमावासियों के कार्यक्रम में भी शामिल हुये. उन्होंने सभी परिक्रमावासियों को नमन किया तथा नर्मदा जयंती और नर्मदा प्रगटोत्सव की बधाई दी. श्री पटेल ने कहा कि सिद्धघाट माँ नर्मदा के उन पुत्रों का साधना स्थल है जिसे हम साक्षात तौर पर दादा गुरु के रूप में देखते हैं. उन्होंने कहा कि जीने के लिये जितनी चीजें जरूरी है उन सबका त्याग कर दादा गुरु ने जो जीवन समाज के सामने रखा वह कोई चमत्कार नहीं बल्कि माँ नर्मदा की ही कृपा है.
मां नर्मदा जयंती पर नगर और उपनगरीय क्षेत्रों में भंडारों का आयोजन
पतित पावनी मां नर्मदा जयंती पर जबलपुर नगर और उपनगरीय क्षेत्रों में सैकड़ों भंडारों का आयोजन किया गया. विदित हो कि बीते करीब तीन दशकों से संस्कारधानी में नर्मदा जयंती का पर्व मनाया जा रहा है. बीते वर्षों में यह पर्व साल दर साल भव्य होता गया.
मां नर्मदा के तट पर बसे जबलपुर नगर को यदि धर्माधानी कहा जाए तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी. परंपरा के अनुसार नगर और उपनगरीय क्षेत्रों में स्थापित की गई मां नर्मदा की भव्य, मनोहारी और नयनाभिराम प्रतिमाओं की स्थापना की गई है.
प्रतिमा स्थापना स्थलों पर भव्य धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया . इस धार्मिक आयोजन से पूरे नगर का माहौल धर्ममय हो गया. मकरवाहिनी मंदिर आस्था का केंद्र- नगर के पान दरीबा में स्थापित मां मक्रवाहिनी मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है. यहां पर स्थापित प्रतिमा करीब 14 सौ साल पुरानी बताई जाती है.
नगर की सिटी कोतवाली के निकट भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है. इसी प्रकार घोड़ा नक्काश, बटुक भैरव मंदिर हनुमानताल, दरहाई, सुनरहाई, साठिया कुआं, बेलबाग पुलिस थाने के समीप, घमापुर, सुपरमार्केट सहित अनेक स्थानों पर मां नर्मदा की प्रतिमाओं की स्थापना की गई है. इसके अलावा उपनगरीय इलाके अधारताल, कांचघर, रांझी, गढ़ा, मैं भी प्रतिमा स्थापना की गई है.
नगर में जगह,जगह भंडारों का आयोजन- नगर में प्रतिमा स्थलों में भंडारों का आयोजन किया गया. जिसमें भारी संख्या में भक्त जनो ने पहुंचकर प्रसाद ग्रहण किया. शाम होने से पूर्व ही अनेक स्थानों पर भंडारे शुरू हो गए. जहां पर आबाल वृद्ध नर नारियों ने बाकायदा पंक्तिबद्ध होकर भंडारा ग्रहण किया. इसके साथ ही नगर भर में भक्तजनों ने अनेक स्थानों पर भंडारे का आयोजन कर प्रसाद वितरित किया.
रेत नॉका से बेरीकेट्स लगाये
प्रशासन ने गौरीघाट में जाम की स्थिति से बचने के लिये वैसे तो कई जगह बेरीकेट्स लगाये गये थे, रेत नाका के आगे वाहनों का आना जाना रोक दिया गया था. यहां से पैदल ही श्रद्धालुओं को घाट की तरफ जाने दिया जा रहा था. इस दौरान बुजुर्ग जनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इस दौरान कई बार पुलिस जवानों और लोगों के बीच विवाद की स्थिति निर्मित हो गई थी.