जबलपुर. रेलवे विभागीय परीक्षा में रिश्वतखोरी के मामले में गत दिवस पश्चिम मध्य रेलवे (पमरे) में अचानक सीबीआई के छापों से प्रबंधन के साथ अधिकारियों कर्मचारियों में भी हड़कंप का माहौल हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई ने यह छापा भर्ती घोटाले के संबंध में जांच के लिए मारा हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मामले में पमरे के भंडार और लेखा विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत की जांच की जा रही हैं.
यह संभावना व्यक्त की जा रही हैं कि शीर्ष पदों पर बैठे अधिकारियों के साथ कुछ मझौले अधिकारियों के नाम भी जल्द ही एफआईआर में जुड़ सकते हैं. ज्ञात हो कि कि हालहीं में सीबीआई ने रेलवे भर्ती घोटाला मामले में 4 अधिकारियों पर केस दर्ज किया था जिसमें 5 लाख में अभ्यर्थियों से परीक्षा पास कराने का आरोप था. इस मामले में सीबीआई ने वडोदरा, मुंबई और अन्य जगहों के रेलवे अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है.
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इन अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने रेलवे में विभागीय परीक्षा में पास करवाने के बदले उम्मीदवारों से पैसे वसूले. सीबीआई ने अंकुश वासन (वेस्टर्न रेलवे, वडोदरा), संजय कुमार तिवारी (डिप्टी चीफ कमर्शियल मैनेजर, चर्च गेट, वेस्टर्न रेलवे, मुंबई), नीरज सिन्हा (डिप्टी सुपरिटेंडेंट) और मुकेश मीणा समेत कई और अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया. जांच में सामने आया है कि अंकुश वासन ने संजय तिवारी को निर्देश दिया कि वो ऐसे 10 उम्मीदवारों की सूची बनाएं जो पैसे देकर परीक्षा में पास होना चाहते हैं. इसके बाद हर उम्मीदवार से 4-5 लाख रुपए लिए गए.
अब तक 6 गिरफ्तार
सीबीआई ने अब तक रेलवे विभागीय परीक्षा में रिश्वतखोरी से संबंधित मामले में दो आईआरपीएस अधिकारी सहित 5 रेलवे अधिकारियों और एक निजी व्यक्ति सहित 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया हैं. इनकी तलाशी के दौरान 650 ग्राम सोना और करीब 5 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं. इन पर पश्चिम रेलवे की सीमित विभागीय परीक्षा में उम्मीदवारों को फायदा पहुंचाने के लिए भारी रिश्वत वसूलने का आरोप हैं.
पश्चिम रेलवे की सीमित रेलवे विभागीय परीक्षा में उम्मीदवारों को फायदा पहुंचाने के लिए भारी रिश्वत वसूलने के आरोप से संबंधित एक मामले में एक नर्सिंग अधीक्षक, मंडल रेलवे अस्पताल, साबरमती (अहमदाबाद) और एक निजी व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. वडोदरा, गुजरात सहित 11 स्थानों पर आरोपी व्यक्तियों के आवासीय और आधिकारिक परिसरों की तलाशी ली गई, जिसमें 650 ग्राम की सोने की ईंट एवं करीब 5 लाख नकद रुपये बरामद हुए. इलेक्ट्रॉनिक गैजेट और आपत्तिजनक दस्तावेज़ आदि भी जब्त किए गए हैं.
यह है आरोप
मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक एवं उप. स्टेशन अधीक्षक रेलवे और निजी व्यक्ति का आरोप है कि आरोपी अधिकारी निजी व्यक्ति और अज्ञात अन्य लोगों के साथ साजिश करके रेलवे विभागीय परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों से आगामी परीक्षा में चयन का वादा करके पैसे इक_ा कर रहे थे. यह भी आरोप लगाया गया कि पश्चिम रेलवे के आरोपी मंडल कार्मिक अधिकारी ने आरोपी उप को निर्देशित किया था. पश्चिम रेलवे के मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक को उक्त परीक्षा में चयन के लिए रिश्वत देने के इच्छुक कम से कम 10 उम्मीदवारों की सूची तैयार करनी होगी.
कथित तौर पर आरोपी उप. पश्चिम रेलवे के मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक ने बदले में उससे संपर्क किया. वडोदरा के स्टेशन अधीक्षक; और निजी व्यक्ति ऐसे उम्मीदवारों से संपर्क करेगा और उनसे रिश्वत लेगा. यह भी आरोप लगाया गया कि उप. पश्चिम रेलवे के मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक ने वडोदरा के एक जौहरी से बिना कोई इनवॉइस बनाए नकदी के बदले करीब 400 ग्राम सोना खरीदने के लिए संपर्क किया था.
आगे यह आरोप लगाया गया कि उप. पश्चिम रेलवे के मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक आनंद गये; निजी व्यक्ति से मुलाकात की और उससे नकदी एकत्र की. जांच के दौरान, यह भी पता चला है कि एक नर्सिंग अधीक्षक. पश्चिम रेलवे में उसे रोका गया और उसके पास 650 ग्राम सोना पाया गया, जो उसने जौहरी से लगभग 57 लाख रुपये (लगभग) के भुगतान के बाद प्राप्त किया था और उक्त सोना पश्चिम रेलवे, वडोदरा के आरोपी वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी (आईआरपीएस: 2018) को दिया जाना था.