जबलपुर. जिले के 17 निजी स्कूलों की मान्यता नवीनीकरण निरस्त कर दी गई है. कई अन्य स्कूलों की मान्यता पर भी निरस्तीकरण की तलवार लटक रही है. नियमों के उल्लंघन के चलते यह कार्रवाई की गई है. निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 (आरटीई) के मुताबिक शिक्षकों की अनुपलब्धता, पंजीकृत किरायानामा न होने, गलत एचडी जैसे नियमों का पालन नहीं होने के चलते उक्त निर्णय लिया गया.
इन स्कूलों में छात्रों के प्रवेश प्रक्रिया पर रोक लग सकती है. शिक्षा विभाग ने जांच के बाद यह फैसला लिया है. 683 स्कूलों में से 17 स्कूलों के आवेदन खारिज हुए है. बिना नवीनीकरण के संचालन पर सख्त कार्रवाई होगी. अधिकारियों ने स्कूलों को नियमों का पालन करने की चेतावनी दी थी. जिले में 2025- 26 सत्र के लिए 683 प्राइवेट स्कूलों ने नवीनीकरण का आवेदन दिया है. शहर में 59 नवीन निजी स्कूलों की मान्यता के लिए आवेदन आए हैं.
सकते में विद्यार्थी
हालांकि अधिकांश अभिभावकों और विद्यार्थियों को इस बात की जानकारी नहीं लग पाई हैं कि उनके स्कूल की मान्यता हैं भी या नहीं फिर भी जिन्हें इस बात की जानकारी हो गई हैं वे विद्यार्थी और अभिभावक सकते में हैं. बोर्ड परीक्षाएं करीब हैं ऐसे में इस बात को लेकर कुछ अभिभावक चिंतित हैं. बताते हैं नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के अनुसार समस्त अशासकीय शालाओं द्वारा मान्यता प्राप्त करने के उपरांत ही स्कूल का संचालन किया जा सकता है.
इसके लिए अधिनियम की मंशा के अनुरूप राज्य सरकार द्वारा नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम, 2011 के नियम 11 अनुसार मान्यता के लिए प्रावधान किये गये हैं. शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार आवेदन विलंब शुल्क सहित अंतिम तिथि 14 फरवरी है. अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक स्वीकृत आवेदनों की संख्या 109 है.
ये है आवेदन की प्रक्रिया
अधिकारियों का कहना है कि निरस्त किये गए आवेदनों में कई दस्तावेजों की कमी पाई गई, जिसमें रजिस्टर्ड किरायानामा न होना, त्रुटियुक्त और आरटीई की रातों के मुताबिक शिक्षक संख्या नहीं होने के कारण आवेदन निरस्त किये गए हैं. हालांकि अपील कलेक्टर कोर्ट में एवं संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र में को जा सकती है. वर्तमान में मोबाइल एप के माध्यम से मान्यता के लिए ऑनलाइन आवेदन करते हुए सहज एवं साक्ष्य आधारित मान्यता आवेदन करने तथा मान्यता आवेदनों के निराकरण को व्यवस्था की गई है.
इसके लिए अशासकीय संस्थाओं, शालाओं के संचालक द्वारा स्वयं आरटीई एमपी मोबाइल एप का उपयोग करते हुये मान्यता नवीनीकरण, नवीन मान्यता के लिए आवेदन किये जाने की प्रक्रिया है. आवेदन करने के लिये अशासकीय शाला भवन, आवश्यक प्रशिक्षित शिक्षकों तथा स्कूल में आवश्यक संसाधनों की जीईओ टेग फोटो अपलोड करने के साथ ही आरटीई के मान एवं मानकों की पूर्ति किया जाना अनिवार्य है.
कलेक्टर न्यायालय का रास्ता हैं खुला
सहायक परियोजना समन्वयक प्रेम नारायण तिवारी ने बताया कि इसकी प्रक्रिया चल रही है जिले में कक्षा 1 से 8 तक के लिए प्राइवेट स्कूलों को मान्यता नवीनीकरण की प्रक्रिया जारी है. अब तक 17 आवेदनों को खामियों के चलते निरस्त किया जा चुका है. हालांकि स्कूल संचालकों के पास कलेक्टर कोर्ट में अपील का रास्ता खुला हुआ है.