जबलपुर. मध्यप्रदेश दौरे पर आए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो रविवार रात जबलपुर से भोपाल जाते समय अचानक शहपुरा थाने पहुंचे. उनका उद्देश्य थाने का निरीक्षण करना और हवालात में बंदियों की स्थिति का जायजा लेना था.
थाने पर पहुंचने पर उन्होंने थाना प्रभारी (टीआई) के बारे में पूछा लेकिन वहां केवल दो कांस्टेबल मौजूद थे. कानूनगो ने हवालात में बंद बंदियों की गणना का रिकॉर्ड देखने की मांग की, जो उपलब्ध नहीं था. इस पर पुलिसकर्मियों ने एसआई महेंद्र जाटव को फोन कर थाने बुलाया.
कुछ देर बाद पहुंचे एसआई महेंद्र जाटव ने निरीक्षण में सहयोग करने से इंकार कर दिया. उनका कहना था कि बिना पूर्व सूचना के थाने में निरीक्षण नहीं किया जा सकता.
सोशल मीडिया पर सवाल – प्रियंक कानूनगो ने इस घटना का उल्लेख सोशल मीडिया पर करते हुए मध्यप्रदेश के डीजीपी से सीधे सवाल पूछा “क्या पुलिस थाने का निरीक्षण करने के लिए हमें किसी की अनुमति लेनी होगी? आपके थाने का एसआई कह रहा है कि बिना पूर्व सूचना के आप थाने में नहीं आ सकते.”
उन्होंने यह भी लिखा कि थाने के स्टाफ ने निरीक्षण में कोई सहयोग नहीं किया और स्पष्ट किया कि वे डीजीपी से पूछेंगे कि ऐसे निरीक्षण के लिए किसकी आज्ञा आवश्यक है.
पुलिस कार्रवाई- कानूनगो की पोस्ट पर जबलपुर पुलिस ने संज्ञान लिया. एएसपी ने घटना को गलत बताते हुए कहा कि मामले की रिपोर्ट एसपी को भेजी गई है और दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होगी.