जबलपुर, देशबन्धु. शैल्बी हॉस्पिटल जबलपुर में एक चार वर्षीय बच्ची के पेट से आपातकालीन स्थिति में एंडोस्कोपी द्वारा बैटरी सफलतापूर्वक निकाली गई. यह अत्यंत संवेदनशील प्रक्रिया शैल्बी हॉस्पिटल की विशेषज्ञ टीम ने तत्परता और दक्षता के साथ पूर्ण की.
डॉ. मनीष तिवारी (रू गैस्ट्रोएंटरोलॉजी) ने बताया की बच्ची ने खेलते समय गलती से एक छोटी बैटरी निगल ली थी.
जो सीधे पेट में जाकर फँस गई. यदि बैटरी अधिक समय तक पेट में रहती तो इससे पेट की दीवार में छेद (गैस्ट्रिक पफोरेशन) होने की आशंका थी, जिससे स्थिति गंभीर हो सकती थी और ओपन सर्जरी (लैपरोटोमी) करनी पड़ सकती थी.
डॉ. मनीष तिवारी (रू गैस्ट्रोएंटरोलॉजी) (एच. ओ.डी.) डिपार्टमेंट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी द्वारा आधुनिक तकनीकों की मदद से एंडोस्कोपिक विधि द्वारा बैटरी को सुरक्षित रूप से बाहर निकाल लिया गया, जिससे बच्ची को जटिल सर्जरी से बचाया जा सका.
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इस प्रक्रिया में डॉ. हिमांशु एनेस्थेटिस्ट, राजकुमार एंडोस्कोपी तकनीशियन एवं ऑपरेशन थिएटर टोम का विशेष योगदान रहा. यह सफलता शैल्बी हॉस्पिटल, जबलपुर की विशेषज्ञता, समर्पण और उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाओं का प्रमाण है.