जबलपुर. वाहन चेकिंग के नाम पर पुलिस एवं परिवहन विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों की लूट अब रोजमर्रा की बात हो गई हैं. वाहन चालकों से लूट के लिए परिवहन एवं पुलिस विभाग में ऐसी जमी-जमाई व्यवस्था हैं कि परिवहन विभाग, पुलिस के एवं पुलिस विभाग परिवहन विभाग के इलाके में कभी हस्तक्षेप नहीं करता.
कई बार तो दोनों विभागों के कर्मचारी संयुक्त टीम बनाकर संगठित अपराधियों की तरह लूट करते देखे जाते हैं. ये बात अलग हैं कि पहले परिवहन विभाग और फिर पुलिस विभाग के हत्थे चढ़े वाहन चालक कभी-कभी दो बार लूट के शिकार हो जाते हैं. परिवहन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा की जा रही अवैध वसूली पर नकेल कसने परिवहन आयुक्त ने एक ऐसा आदेश जारी किया हैं जिसके बाद परिवहन विभाग में ही नहीं पुलिस विभाग में भी हड़कंप का माहौल हैं.
परिवहन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा की जाने वाली वसूली की शिकायत कोई नई बात नहीं है इस तरह की समाचार समय-समय पर प्रकाश में भी आते रहे है. ऐसी शिकायतों को परिवहन आयुक्त ने गंभीरता से लेते हुए प्रभावी रोक लगाने नया फरमान जारी किया है. आयुक्त के इस नए फरमान से अब परिवहन विभाग ही नहीं पुलिस विभाग के अधिकारी कर्मचारी भी पशोपेश में नजर आ रहे हैं.
परिवहन विभाग के सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक परिवहन आयुक्त ने वाहन चेकिंग को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है. जारी गाइडलाइन के अनुसार अब बिना वर्दी के कोई भी वाहनों की चेकिंग नहीं कर पाएगा. इसके अलावा पीओएस के जरिए ही चालानी कार्रवाई होगी. वाहन चेकिंग को लेकर 8 प्वाईंट में स्पष्ट दिशा निर्देश दिए गए हैं.
यह जारी किए निर्देश
वाहन चेकिंग को लेकर परिवहन आयुक्त ने आदेश दिए हैं कि सहायक परिवहन उप निरीक्षक स्तर के अधिकारी की मौजूदगी में ही चैकिंग की जा सकेगी. चैकिंग के दौरान रिकॉर्ड मोड के दो कैमरो के अलावा बाकी दूसरे कैमरे स्टैंड बाय मोड में रहेंगे. चैकिंग के दौरान पूरा स्टाफ न केवल वर्दी में होना चाहिए बल्कि वर्दी में नेम प्लेट भी लगानी होगी किसी भी वाहन को बगैर किसी विशेष कारण के 15 मिनट से ज्यादा ना रोका जाएगा.
मध्यप्रदेश राज्य दंत परिषद को देनी पड़ी चेतावनी
इसके अलावा भी और दिशा निर्देश परिवहन आयुक्त के द्वारा जारी किए गए हैं और निर्देशों के बाद से ही परिवहन विभाग के उन अधिकारियों-कर्मचारियों की बेचैनी बढ़ गई हैं जो चेकिंग के नाम पर की जाने वाली वसूली के लिए ही विभाग में आए थे. परिवहन आयुक्त के द्वारा जारी किए गए निर्देशों में चेतावनी भी दी गई है कि जो अधिकारी कर्मचारी गाइडलाइन का उल्लंघन करेंगे उन पर प्रभावी कार्यवाही की जाएगी.
कहीं डीजीपी न जारी कर दें ऐसे आदेश
कभी परिवहन विभाग के साथ और कभी परिवहन विभाग से पृथक कुछ चुनिंदा इलाकों में अवैध वसूली करने वाले पुलिस के वे अधिकारी कर्मचारी इस आदेश को लेकर सकते में हैं जो दिन भर में यदि वसूली न करें तो उन्हें अधूरापन सा लगता हैं. पुलिस विभाग के अधिकारी कर्मचारी इस बात को लेकर तनाव में हैं कि परिवहन आयुक्त की तर्ज पर इस तरह की कार्रवाई की ऑनलाइन रिकार्डिग का फरमान यदि डीजीपी जारी कर देते हैं तो पुलिस विभाग में वे वसूली के जिस उद्देश्य के लिए आए थे उस उद्देश्य का क्या होगा. वसूली पर निर्भर कई पुलिस अधिकारी, कर्मचारी ऐसे भी हैं जिनकी ने आज तक विभाग से मिलने वाले वेतन को खर्च करने जरुरत नहीं पड़ी.